भोपाल जाकर मिला रहवासियों का प्रतिनिधि मंडल
उज्जैन, अग्निपथ। हीरा मिल की चाल की सरकारी जमीन पर बने मकानों को खाली कराने की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद अब यह राजनैतिक मुद्दा बन गया है। हीरामिल चाल के रहवासियों द्वारा बनाई गई कल्याण समिति के कुछ सदस्य अपने घरों की जमीन बचाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने भोपाल पहुंचे। कमलनाथ ने भी इन्हें आश्वस्त कर दिया, आप संघर्ष जारी रखो, कांग्रेस आपके साथ रहेगी।
हीरामिल की जमीन का स्वामित्व नेशनल टेक्सटाईल कार्पोरेशन (एनटीसी) के पास है। मिल का अब मौके पर अस्तित्व ही नहीं बचा है, यहां 96 एकड़ जमीन है। इसमें भी करीब 17 एकड़ जमीन पर मिल की चाल बसी है। इस चाल में करीब 500 मकान बने है, इनमें लगभग 3 से 4 हजार लोग निवास करते है। चाल में रहने वाले ज्यादातर वे परिवार है जिनके परिवार के सदस्य कभी हीरा मिल में काम किया करते थे। चाल की जमीन खाली कराने के लिए एनटीसी ने कानूनी प्रक्रिया शुरू कर सभी रहवासियों को 2019 में नोटिस जारी किए थे।
कोरोना की वजह से लगभग ढाई साल तक जमीन खाली कराने की कार्यवाही स्थगित रही। एनटीसी ने हाल ही में फिर से कार्यवाही शुरू की है। पिछले सप्ताह एनटीसी के क्षेत्रीय अधिकारी मिल की चाल के रहवासियों की सुनवाई करने पहुंचे थे। रहवासियों को दोबारा से नोटिस जारी होने के बाद से ही मिल की चाल में खौफ का माहौल है। चाल की दीवारों पर एनटीसी की कार्यवाही के खिलाफ कई जगहों पर नारे लिखे हुए है।
रविवार को कांग्रेस नेत्री नूरी खान के साथ चाल के रहवासियों का एक प्रतिनिधि मंडल भोपाल पहुंचा। इस प्रतिनिधि मंडल ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ से मुलाकात की। रहवासियों ने कमलनाथ को बताया कि मिल श्रमिकों के परिवारों की तीन-तीन पीढिय़ा चाल में रहते हुए बीती है। चाल में रहने वाले परिवारों के पास दूसरा कोई आसरा नहीं है। पूर्व सीएम ने इन्हें कांग्रेस की ओर से हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है।