शाजापुर, अग्निपथ। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी द्वारा विभाग के एमडी के खिलाफ इंदौर हाईकोर्ट में लगाए गए कोर्ट अवमानना के दावे में न्यायालय ने वारंट जारी किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सैयद ताजउद्दीन शाजापुर स्वास्थ्य विभाग एनएचएम में पूरी पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से मेरिट लिस्ट में आकर 2008 से 2016 तक निरंतर कार्यरत रहा। 2016 में 17 केडर समाप्ति के कारण उसे निष्कासित कर दिया गया। इसके बाद 2016 में राज्य कार्यालय एनएचएम द्वारा पुनर्नियोजन की प्रक्रिया की गई जिसमें ताजउद्दीन प्रावीण्य स्थान प्राप्त कर मेरिट लिस्ट में रहा, लेकिन विभाग द्वारा फेल हुए कर्मियों को पुनर्नियोजित किया गया।
विभागीय अधिकारियों के इस गलत निर्णय को लेकर ताजउद्दीन ने उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर की शरण में न्याय के लिए याचिका दायर की जिसको लेकर वर्ष 2017 में प्रार्थी के पक्ष में पुनर्नियोजन का आदेश दिया गया, किंतु विभाग के अधिकारियों द्वारा इसका पालन नही किया गया।
ताजउद्दीन ने बताया कि उसने कोर्ट के आदेश का पालन नही होने पर 2021 में पुन: कोर्ट के आदेश की अवमानना का केस दायर किया था, जिस पर उच्च न्यायालय ने बुधवार को नेशनल हेल्थ मिशन एमडी छवि भरद्वाज के नाम पचास हजार रुपए का जमानती वारंट जारी किया है। ताजउद्दीन का कहना है कि उसे न्यायपालिका पर पूरा भरौसा है और उसे जल्द ही न्याय मिलेगा।