4 नंबर गेट से प्रवेश कर विश्रामधाम से पुल और फिर वापसी मुख्य पालकी द्वार से
उज्जैन, अग्निपथ। नागपंचमी के अवसर पर विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य शिखर में तीसरे खंड पर स्थित भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर के मंदिर के पट सोमवार को रात 12 बजे बाद खुलेंगे। सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े के महंत की ओर से मध्य रात्रि में पूजन होगा। प्रशासन द्वारा इस बार सामान्य श्रद्धालुओं को एक घंटे में दर्शन कराने के प्रयास किए जाएंगे। कारण है कि मंदिर में पहुंचने के लिए जो ब्रिज बना है, उस ब्रिज से सहजता और शीघ्रता से दर्शन हो सकेंगे। नए ब्रिज को केंद्रीय भवन अनुसन्धान रुडक़ी और लोक निर्माण की और से एनओसी भी मिल चुकी है।
नागचन्द्रेश्वर दर्शन के लिए ऐसी होगी दर्शन व्यवस्था
नागपंचमी पर श्री नागचन्द्रेश्वर के सामान्य दर्शन के लिए आने वाले दर्शनार्थी भील समाज की धर्मशाला में वाहन पार्क कर दातार अखाड़ा की गली से चारधाम मंदिर के झिकझेग से होकर हरसिद्धि मंदिर चौराहा से होते हुए बड़ा गणेश मंदिर के सामने से मंदिर के चार नबंर गेट और फिर विश्राम धाम पहुंचेगें। विश्राम धाम की रैलिंग से नए ब्रिज के माध्यम से नागचन्द्रेश्वर मंदिर पहुंचकर दर्शन के बाद वापस विश्राम धाम से होकर मार्बल गलियारे से मंदिर के मुख्य पालकी गेट बाहर होगें।
नागचंद्रेश्वर शीघ्र दर्शन व्यवस्था
नागचंद्रेश्वर मंदिर में शीघ्र दर्शन टिकट लेने वाले दर्शनार्थी चारधाम मंदिर की ओर से आकर हरसिद्धि मंदिर चौराहे से शामिल होकर दूसरी कतार से सामान्य दर्शनार्थी के साथ ही मंदिर तक पहुंचेगे। वापसी में मुख्य गेट से बाहर होकर वापस हरसिद्धि चौराहे तक पहुंच सकेंगे।
वीवीआईपी व्यवस्था
नागपंचमी पर्व पर मंदिर आने वाले वीवीआईपी के लिए निर्माल्य गेट से प्रवेश कराने के बाद सभा मंडप के ऊपर से होकर रैंप से विश्राम धाम पहुंचकर नए ब्रिज से दर्शन के बाद इसी मार्ग से वापसी हो सकती है। दूसरा विकल्प महाकाल मंदिर के नैवेद्य द्वार के समीप नागचंद्रेश्वर मंदिर के पुराने चढ़ाव से भी मंदिर तक ले जाया जा सकता है। वापसी में भी सहजता होगी।