श्रद्धालुओं को 6 से 8 घंटे में हुए भगवान नागचंदे्रश्वर के दर्शन
उज्जैन, अग्निपथ। नागपंचमी पर वर्षभरा में एक बार खुलने वाले भगवान नागचंद्रेश्वर के पट खुलने के बाद मंगलवार रात 12 बजे तक दर्शन चलते रहे। श्रद्धालु भी उत्साह से भरे हुए थे। मंगलवार मध्य रात्रि तक लगभग 4 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने भगवान के दर्शन कर अपने को कृतार्थ किया। हालांकि श्रद्धालुओं को भगवान नागचंद्रेश्वर को देखने भी नहीं दिया और पुलिस कर्मियों ने बाहर निकाल दिया। चारधाम से भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को 6 से 8 घंटे का समय लगा।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य शिखर के तीसरे खंड पर स्थित भगवान श्री नागचन्द्रेश्वर मंदिर के पट सोमवार मध्यरात्रि पर खुल गए। सबसे पहले महाकालेश्वर मंदिर स्थित श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीतगिरी महाराज की ओर से त्रिकाल पूजन किया गया। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे। मंत्री मोहन यादव और कमल पटेल ने भी नागचंद्रेश्वर भगवान का अभिषेक किया। नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए सोमवार देर शाम 10 बजे से ही श्रद्धालुओं की कतार लग गई थी। मंदिर के पट 24 घंटे तक यानी मंगलवार रात 12 बजे तक खुले रहे। इस दौरान लाखों श्रद्धालुओं ने भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन किये।
ऐसा रहा श्रद्धालुओं का आगम और निर्गम
महानिर्वाणी अखाड़ा की ओर से रात 12 बजे पूजन करने के बाद मंदिर में आम श्रद्धालुओं के दर्शन का सिलसिला शुरू हो गया। इसके लिए हजारों दर्शनार्थी चारधाम मंदिर की ओर लाइन में खड़े हो चुके थे। इस बार मंदिर प्रशासन द्वारा नागचंद्रेश्वर मंदिर तक नया ब्रिज बनाया गया है, जिससे दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को बाहर जाने में भी आसानी रही। श्री नागचंद्रेश्वर भगवान के दर्शन के लिए आने वाले सामान्य श्रद्धालुओं की दर्शन व्यवस्था चारधाम में लगे बेरिकेट्स से होकर हरसिद्धि चौराहे की ओर रही। यहां से बड़ा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए भस्मार्ती द्वार गेट नं.4 से प्रवेश कर विश्राम धाम में बनाए गए नए ब्रिज के माध्यम से दर्शन कर वापस ब्रिज से होकर विश्राम धाम की दूसरी पंक्ति से मार्बल गलियारे होकर मुख्य सवारी वाले पालकी गेट से बाहर किया जाता रहा। बाहर जाने के बाद श्रद्धालु वापस चारधाम जिगजैग के समीप से अपने सामान और जूते लेते रहे। यही व्यवस्था शीघ्र दर्शन 250 रुपए प्रति व्यक्ति टिकट लेने वाले दर्शनार्थियों की भी रही।
महाकाल दर्शन पुराने हरसिद्धि धर्मशाला गेट से
ऐसे श्रद्धालु जिनको भगवान महाकाल के दर्शन करना थे, उनको चारधाम से पहली पंक्ति में लगकर पुराने अन्नक्षेत्र के सामने से होकर पुराने हरसिद्धि धर्मशाला के गेट से अंदर प्रवेश करवा कर कार्तिकेय मंडपम और फिर निकासी भी यही से करवा कर वापस सामान व जूते लेने के लिए चारधाम पहुंचाते रहे।
दोपहर में शासकीय पूजा हुई
वर्ष में एक बार खुलने वाले भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर में मंगलवार दोपहर 12 बजे शासकीय पूजा की गई। शासकीय पूजन में संभागायुक्त संदीप यादव, आईजी संतोष कुमार सिंह, कलेक्टर आशीष सिंह व पुलिस अधीक्षक सत्येंद्र कुमार शुक्ल सपत्नीक शामिल हुए। पूजन महंत विनीत गिरी महाराज एवं अन्य पुजारियों द्वारा करवाया गया।
मंदिर समिति ने चलाए नि:शुल्क ई-रिक्शा
मंदिर समिति ने कर्कराज व भील समाज की धर्मशाला , बस स्टैंड से महाकाल मंदिर तक के पास चारधाम से श्रद्धालुओं को चारधाम जिगजैग तक पहुंचाने के लिए करीब 60 ई-रिक्शा वाहन की व्यवस्था की गई थी। श्रद्धालु पार्किंग स्थल से आने व वापस जाने के लिए ई-रिक्शा का उपयोग करते रहे।
अखाड़े के पास फाड़े, महंत ने किया विरोध
भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने के लिए वीवीआईपी पास बड़ी संख्या में मंदिर प्रशासन द्वारा बांटे गए थे। इन पासों को गले में लटका कर श्रद्धालु शंख द्वार से होकर भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए पहुंचते रहे। लेकिन विश्रामधाम में लगे पुलिसकर्मी और अधिकारी इनके पास को छोडक़र महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से पास लेकर आ रहे श्रद्धालुओं के पास फाडऩे लगे। इसकी जानकारी जब महंत विनीतगिरी महाराज को मिली तो उन्होंने इस बात का विरोध दर्ज करवाया। ज्ञातव्य रहे कि पास नहीं फाडऩे की स्थिति में इन पासों का दूसरों के द्वारा उपयोग किया जाता रहा।
4 नंबर गेट पर पेयजल-वाशरूम के लिए हंगामा
मंगलवार की सुबह 6 से 8 बजे के बीच श्रद्धालुओं के सब्र का बांध उस समय टूट गया, जब वे इतनी दूर चारधाम मंदिर से पैदल चलते हुए 4 नंबर गेट पर पहुंचे। कई महिलाएं और पुरुष वाशरूम और पेयजल के लिए हंगामा करने लगे। यहां तक कि कुछ लोग बेरिकेडस पर भी चढ़ गए थे। एक महिला वाशरूम जाने के लिए तड़पने लगी तो वहां पर मौजूद महिला सुरक्षाकर्मियों ने उसे संभाला। जानकारी लगने पर मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ पहुंचे और उन्होंने 4 नंबर गेट से लेकर विश्रामधाम तक लगे श्रद्धालुओं में पानी की बोतलों का वितरण करवाया। श्रद्धालुओं को मंदिर प्रशासन ने 20 हजार पानी की बोतलों का वितरण किया। इसी तरह भोपाल से भगवान महाकाल व नागचंद्रेश्वर के दर्शनों के रिया और शुभम मीणा सहित 80 लोग रात 2 बजे भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शनों की लाइन में लगे। सुबह 6 बजे तक वह हरसिद्धि चौराहा तक लाइन में चलकर आये जहां शुभम की अचानक तबियत बिगड़ी और वह बेहोश हो गया। बेरिकेड्स के बीच बेहोश हुए शुभम को बड़ी मुश्किल से लाइन से बाहर निकालकर लोगों ने अस्पताल पहुंचाया। कुछ देर बाद रिया की भी तबियत बिगड़ी और बेहोश हो गई जिसे भी लोगों ने अस्पताल में भर्ती कराया। गंगाबाई निवासी दिल्ली 8 अन्य परिजनों के साथ नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने आईं। लाइन में भाभी किरण देवी बेहोश हो गई थी। गर्मी और पेयजल नहीं मिलने के कारण ऐसी घटनाएं घटित हुईं।
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