उज्जैन, अग्निपथ। जिला अस्पताल में स्थित दवा वितरण केंद्र पर मंगलवार को बड़ी लापरवाही सामने आई है। एक महिला मरीज को गले में इंफेक्शन था, उसने डॉक्टर से चेकअप कराया और इसके बाद दवाएं ली। दवाएं लेकर महिला और उसके पति फिर से डॉक्टर के पास पहुंचे तो पता चला कि डॉक्टर ने गले के लिए दवाएं लिखी थी लेकिन दवा वितरण केंद्र से उन्हें आंख में डालने का ड्राप और सांस की बीमारी में काम आने वाली दवा दे दी गई।
वजीर पार्क कॉलोनी में रहने वाली फिरदोस बी के साथ मंगलवार सुबह यह घटनाक्रम हुआ है। फिरदोस बी पति इलियास खान के साथ जिला अस्पताल पहुंची थी। उन्हें गले में तकलीफ थी लिहाजा नाक-कान-कला रोग विशेषज्ञ डा. बी.आर. रत्नाकर से चेकअप कराया। डा. रत्नाकर ने इन्हें इन्हें दवाएं लिखकर दे दी। दवा की पर्ची लेकर इलियास खान जिला अस्पताल के दवा वितरण केंद्र पर पहुंचे और यहां से दवाएं लेने के बाद वापस इन्हें दिखाने के लिए डा. रत्नाकर के पास पहुंचे। डॉक्टर ने दवाएं देखी तब पता चला कि महिला को वितरण केंद्र से गलत दवाएं दे दी गई है।
मंगलवार सुबह ही प्रेम नगर निवासी गणेश जाट भी अपनी बहन ज्योति को कान में तकलीफ की वजह से जिला अस्पताल उज्जैन लेकर आए थे। डॉक्टर को दिखाने के बाद वे दवाई वितरण केंद्र पहुंचे और दवाई लेकर जब दोबारा डॉक्टर को दिखाने गए तो जानकारी लगी कि कान की जगह नाक में डालने का ड्रॉप दे दिया गया है।
बगले झांकने लगे दवा केंद्र प्रभारी
एक ही दिन में जिला अस्पताल के दवा वितरण केंद्र पर सामने आए लापरवाही के ये दोनों ही मामले बेहद गंभीर है। जरा सी चूक मरीजों की जान भी ले सकती थी। इन दोनों ही मामलों के सामने आने के बाद दवा वितरण केंद्र के प्रभारी विजय शर्मा के नीचे की भी धरती खिसक गई। मरीजों के परिजनों ने उनसे सवाल जवाब किए तो केंद्र प्रभारी बगले झांकने लगे। बात जब शिकवे-शिकायत तक पहुंची तो दवा वितरण केंद्र प्रभारी विजय शर्मा ने सिविल सर्जन को पूरी जानकारी दी। अपनी व अपने केंद्र के स्टाफ की गंभीर गलती पर विजय शर्मा के अपने तर्क है।
ट्रेनी बांट रहे दवा, स्टाफ महाकाल डयूटी में
जिला अस्पताल के दवा वितरण केंद्र के प्रभारी विजय शर्मा के मुताबिक केंद्र का ट्रेंड स्टाफ महाकालेश्वर मंदिर में ड्यूटी में लगा हुआ है। इस वजह से जिला अस्पताल में ट्रेनी स्टूडेंट्स से दवाई वितरण कराई जा रही है। हालांकि विजय शर्मा यह भी दावा करते है कि दवा वितरण कक्ष में फार्मासिस्ट योगेंद्र सिंह नरवरिया की निगरानी में ही दवा वितरित की जा रही है। शर्मा ने कहा कि कहीं कोई गलती हो गई होगी, रोजाना 700 से 800 बाहय रोगी मरीज जिला अस्पताल में आ रहे है। अधिक संख्या की वजह से छोटी सी गलती हो सकती है।