शपथ से पहले ही ओटले तुड़वाने पहुंच गए पार्षद पति

फ्रीगंज में दूध कारोबारी का ओटला तुड़वाया, वसूली के आरोप लगे

उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम की नई परिषद की अभी शपथ विधि भी पूरी नहीं हो सकी है। शपथ के बाद ही पार्षदों और महापौर का कार्यकाल आरंभ होगा। फ्रीगंज में शपथ विधि से पहले ही पार्षद के पति जेसीबी लेकर पहुंच गए और दुकानदारों के ओटले तुड़वा दिए। फ्रीगंज के एक दूध व्यापारी ने तो सीधे तौर पर पार्षद प्रतिनिधि पर अवैध वसूली के लिए दबाव बनाने के आरोप लगा दिए। पार्षद प्रतिनिधि ने इन आरोपों का खंडन किया है। उनका कहना है कि आम नागरिकों की सुविधा के लिए यह कदम उठाया गया था, न कि किसी को जानबूझकर टारगेट किया गया है।

वार्ड क्रमांक 44 की नवनिर्वाचित पार्षद नीलम कालरा के पति राजा कालरा धर्मपत्नी के शपथ ग्रहण समारोह से पहले ही नगर निगम की जेसीबी मशीन और अमला लेकर से फ्रीगंज स्थित मधुर डेयरी और आसपास की दुकानों पर पहुंच गए। यहां के ओटले यह कहते हुए तुड़वा दिए की यहां से पानी की निकासी में समस्या हो रही है।

रविवार को हुए इस घटनाक्रम का आक्रोश बुधवार को सामने आया। मधुर डेयरी के संचालक और खेरची दूध व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहन वासवानी ने नवनिर्वाचित पार्षद पति राजा कालरा पर सीधे-सीधे आर्थिक रूप से दबाव बनाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि नालियों को जोडऩे वाला नाला काफी समय से कचरे और मिट्टी से जाम है, इस कारण अधिक वर्षा की स्थिति में सडक़ पर पानी भर जाता है। नालों की सफाई ना करते हुए पार्षद पति द्वारा व्यापारियों के दुकानों के ओटले तोडऩा कहीं ना कहीं दबाव बनाने की ओर इशारा कर रहा है।

लोग परेशान थे, इसलिए सफाई जरूरी थी

दूध व्यवसायी मोहन वासवानी द्वारा लगाए गए आरोपों पर पार्षद प्रतिनिधि राजा कालरा ने कहा कि आरोप मनघढ़ंत है। लोगों ने हमें चुना और अपनी समस्याओं के हल के लिए हमसे बात की। सफाई करवाना कोई गलत काम नहीं। व्यक्तिगत किसी का नुकसान नहीं चाहते थे और न ही चाहते हैं। लोगों को परेशानी थी, इसलिए सफाई करवाई। नालियों की सफाई में जहां बाधा आ रही थी वहां कुछ तोडफ़ोड़ हुई। महज 100 मीटर की नाली में एक डंपर से ज्यादा मलबा और गाद निकली।

लेटरपेड और विजिटिंग कार्ड मांगने पहुंच गए पार्षद

नगर निगम के नए बोर्ड में निर्वाचित फ्रीगंज क्षेत्र के एक पार्षद तो राजा कालरा से भी दो कदम आगे निकले। पिछले दिनों उक्त पार्षद नगर निगम के जनसंपर्क कार्यालय में पहुंच गए और अपने नाम का लेटरपेड और विजिटिंग कार्ड मांगने लगे। जनसंपर्क अधिकारी ने इन्हें बताया कि आप शपथ लेंगे, उस दिन से पार्षद कहलाएंगे। वैसे भी नगर निगम में पार्षदों के विजिटिंग कार्ड और लेटरपेड मुहैया कराने का कोई प्रावधान नहीं है। टका सा जवाब पाकर उक्त पार्षद मुंह नीचा करके चल दिए।

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