उज्जैन, अग्निपथ। माधव नगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत अंजूश्री कॉलोनी से बीती शाम तीन नाबालिग बालिकाएं एक साथ लापता हो गई। तीनों बालिकाओं के नदारद होने की सूचना के बाद परिजनों के साथ ही पुलिस ने भी इन्हें तलाशना आरंभ कर दिया था। कुछ देर बाद पता चला कि तीनों ही बालिकाएं दशहरा मैदान स्थित कन्या छात्रावास पहुंच गई है। यहां से इन बालिकाओं को थाने लाकर परिजनों के सुपूद कर दिया गया।
मक्सी रोड स्थित अंजू श्री कॉलोनी में रहने वाली 3 बच्चियां घर में खेलते खेलते ही अचानक घर से लापता हो गई। जब परिजन घर लौटे तो बच्चियों के गायब होने की जानकारी लगी, इसके बाद इनकी तलाश आरंभ की गई, पुलिस को भी सूचना दी गई। अंजूश्री कॉलोनी में राधिका पति जितेंद्र मकवाना अपनी 10 वर्षीय बेटी चांदनी के साथ रहती हैं। राधिका की किराएदार प्रीति पति राकेश रायकवार की भी दो बेटियां डॉली 9 वर्ष और काव्या 4 वर्ष राधिका के पास उसके घर में खेल रही थी। शाम 7 बजे तक प्रीति ने बच्चों को खेलते हुए देखा।
राधिका और उसके पति जितेंद्र जीरो पॉइंट सब्जी मंडी स्थित अपनी कपड़े की दुकान से घर लौटे तो उन्हें घर का दरवाजा अंदर से लगा हुआ दिखाई दिया। उन्होंने बच्ची को आवाज लगाई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। घर के पीछे वाले दरवाजे की तरफ जाकर देखा तो दरवाजा बाहर से लगा हुआ था।
घर की परिस्थिति को देखकर परिजनों को बालिकाओं का अपहरण होने की आशंका हुई। परिजनों ने तत्काल पुलिस को इसकी सूचना दी। इसके बाद बच्चियों की खोजबीन शुरू हुई। इसी दौरान बच्चियां घर से निकल कर किसी तरह दशहरा मैदान स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के छात्रावास तक पहुंच गई। यहां की कुक रानी ने उन्हें खाना खिलाया।
इसी दौरान उन्होंने चाइल्डलाइन की टीम को फोन किया। चाइल्ड लाइन की टीम ने बच्चियों को छात्रावास से बरामद किया और माधवनगर थाने लेकर पहुंचे। थाने में पूछताछ के दौरान बच्चियों ने बताया कि माता-पिता उन्हें मारते हैं, इस कारण वे घर से निकल गए थे।
चांदनी ने बताया कि उसके हाथ से घर में तेल फेल गया था, इसके बाद मां की मार के डर से वह डॉली और काव्या को लेकर घर से निकल गई थी। माधव नगर थाना पुलिस ने बच्चियों का मेडिकल कराकर चाइल्डलाइन की टीम के सुपुर्द किया है। बच्चियों के माता-पिता की काउंसलिंग कर तीनों बच्चियां अपने माता पिता को सौंपी दी गई।