ए प्लस-प्लस ग्रेड वाले साइंस कॉलेज के हाल बेहाल
उज्जैन, अग्निपथ। देवासरोड स्थित माधव साइंस कॉलेज में मंगलवार को चलती हुई क्लास के बीच छत का प्लास्टर उखडक़र गिर पड़ा। गनीमत रही कि प्लास्टर की वजह से किसी छात्र को चोंट नहीं आई। ये हाल उस कॉलेज के है जो मध्यप्रदेश और संभवत: देश की पहली ऐसी सरकारी कॉलेज है जिसे नेक द्वारा ए प्लस-प्लस ग्रेड प्रदान की गई है।
माधव साइंस कॉलेज उज्जैन शहर का 5 दशक पुराना कॉलेज है। कॉलेज जितना ही पुराना यहां का भवन भी है। पिछले महीने इस कॉलेज ने नेक की ए प्लस-प्लस ग्रेड हांसिल कर उज्जैन का नाम गौरवान्वित किया। मंगलवार को यहां क्लास चल रही थी, चलती क्लास के बीच छत के एक हिस्से से प्लास्टर उखड़ा और धड़ाम से नीचे आ गिरा। जिस जगह प्लास्टर गिरा वहां कोई छात्र नहीं बैठा था।
यह घटना होने के बाद बीसीए क्लास में बैठे विदयार्थी आक्रोशित हो गए। वे प्राचार्य डा.अर्पण भारद्वाज के पास पहुंचे। प्राचार्य ने क्लास रूम का निरीक्षण भी किया। इसी कॉलेज में 5 अगस्त को परीक्षा होना थी, क्लास में रोल नंबर भी डल गए थे लेकिन परीक्षा से एक रात पहले हुई बारिश के बाद पूरा क्लास रूम पानी से भर गया। ताबड़तोड़ परीक्षा के लिए दूसरे कमरे में व्यवस्था करना पड़ी।
यहां पढऩे वाले छात्र अंकित जाट बताते है कि कॉलेज में आए दिन छज्जा गिरने, प्लास्टर उखडऩे जैसी घटनाएं हो रही है। प्राचार्य डा. अर्पण जाट से कई बार शिकायतें की लेकिन वे भी बात सुनी-अनसुनी कर देते है।
दूसरी तरफ प्राचार्य डा. अर्पण भारद्वाज ने बताया कि सांइस कॉलेज का भवन लगभग 50 साल पुराना हो चुका है। इसकी मरम्मत के लिए राज्यशासन ने कुछ दिन पहले ही एक करोड़ 90 लाख रूपए स्वीकृत किए है। यह राशि म.प्र. गृह निर्माण मंडल को दी भी जा चुकी है। उनके इंजीनियर निर्मल गुप्ता से मरम्मतीकरण का काम जल्द शुरू कराने के लिए बात भी हो चुकी है। कॉलेज में जब मरम्मत का काम पूरा हो जाएगा तब ऐसी स्थिति नहीं बनेगी।