जीवाजीराव वेधशाला में हुआ अनावरण
उज्जैन, अग्निपथ। जीवाजीराव वेधशाला में लगे यंत्रों की कहानी अब क्यूआर कोड से भी जानी जा सकेगी। वेधशाला देखने पहुंचने वाले लोग जैसे ही अपने मोबाइल फोन से किसी भी यंत्र के पास लगा क्यूआर कोड स्कैन करेंगे तो तत्काल ही मोबाइल पर उन्हें उस यंत्र से संबंधित जानकारी की शार्ट फिल्म दिखने लग जाएगी।
जीवाजीराव वेधशाला में बने सम्राट यंत्र, नाड़ीवलय यंत्र, दिगंश यंत्र, भित्ति यंत्र और शंकू यंत्र पर फिलहाल क्यूआर कोड लगाया गया है। गुरूवार को महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के चेयरमेन भरत बैरागी द्वारा गुरूवार सुबह क्यूआर कोड का अनावरण किया गया। वेधशाला के अधीक्षक राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने बताया कि जीवाजीराव वेधशाला खगोलीय ज्ञान की प्रायोगिक समझ का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यहां बने यंत्रों से खगोलीय गणना की समझ को आधुनिकता से जोडऩे के लिए महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के सहयोग से कुछ शार्ट फिल्म का निर्माण किया गया है।
यंत्रों से संबधित जानकारी वाली इन शार्ट फिल्म को यू-ट्यूब पर अपलोड किया गया है, साथ ही इनके क्यूआर कोड जनरेट किए गए है। यंत्रो के नजदीक ही स्टील बोर्ड पर क्यूआर कोड का प्रदर्शन किया गया है। जैसे ही इन्हें कोई भी स्कैन करेगा, यंत्रो से संबंधित जानकारी उनके मोबाइल फोन पर शार्ट फिल्म के रूप में खुल जाएगी।