प्रार्थना में थे बच्चें, टीचर ने कहा प्राचार्य को पहले ही कर दी थी शिकायत
उज्जैन, अग्निपथ। दौलतगंज के सरकारी स्कूल में सोमवार दोपहर एक बड़ा हादसा टल गया है। स्कूल के एक कक्ष की छत के प्लास्टर का बड़ा हिस्सा उखडक़र नीचे टेबल-कुर्सियों पर आ गिरा। गनीमत रही कि घटना के वक्त क्लास रूम में बच्चें मौजूद नहीं थे, वर्ना गंभीर हादसा हो सकता था।
शासकीय शालिग्राम तोमर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दौलतगंज की बिल्डिंग में ही माध्यमिक स्कूल की क्लास भी लगती है। सोमवार दोपहर जिस क्लास रूम में आठवीं कक्षा लगनी थी, उस रूम में छत का प्लास्टर उखडक़र नीचे आ गिरा। जिस वक्त यह घटना हुई उस वक्त मीडिल स्कूल में प्रार्थना चल रही थी और कोई भी बच्चा क्लास रूम में मौजूद नहीं था।
सरकारी प्रक्रिया: बच्चों की जान से खिलवाड़
स्कूल की सहायक शिक्षिका साधना ओझा ने घटना के बाद मीडियाकर्मियों को बताया कि क्लास की छत में पानी का जमाव होने के कारण इनकी स्थिति जर्जर हो चुकी है। कुछ क्लास रूम में इलेक्ट्रिक बोर्ड में करंट भी फैल रहा है। इसकी जानकारी प्रधानअध्यापक आर.के. नागर द्वारा दौलतगंज उमावि के प्राचार्य को 5 अगस्त को दी गई थी। प्रधानअध्यापक की लिखित सूचना को भी प्रधानअध्यापक ने गंभीरता से नहीं लिया। जर्जर क्लास रूम में ही बच्चों को बैठाने का क्रम जारी रखा गया। दौलतगंज स्कूल का भवन वर्ष 2007 में बनकर तैयार हुआ है। महज 15 साल बाद ही स्कूल की छत का प्लास्टर गिरने से शासकीय कामों में की गई अनियमितता साफ झलकती है।
एक के बाद एक तीन घटनाक्रम
- नागदा के पास झिरनिया फंटे पर स्कूली वाहनों से भरी एक जीप ट्रक से टकरा गई थी। इस हादसे में 4 मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है। 11 बच्चें गंभीर रूप से घायल हुए थे, इनका इलाज अब भी जारी है।
- चार दिन पहले भी कालियादेह गेट क्षेत्र में सैफी स्कूल की बस का पहिया नाले मे धंस गया था। इस घटनाक्रम में भी बस में सवार बच्चें काफी घबरा गए थे। गनीमत रही कि पहिया नाले में धंसने पर भी बस पलटी नहीं वर्ना बड़ा हादसा हो सकता था।
- अब दौलतगंज स्कूल में क्लास रूम में छज्जा गिरने की घटना हुई है। गनीमत रही कि जिस वक्त छत का प्लास्टर गिरा, बच्चे क्लास रूम में मौजूद नहीं थे।