नागदा जैसी दु:खद घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिये जागरूक होना जरूरी

मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ने स्कूली बच्चों के परिवहन व्यवस्था को लेकर बैठक की

उज्जैन, अग्निपथ। सोमवार को मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान ने उज्जैन में विक्रम कीर्ति मन्दिर के सभाकक्ष में जिले में स्कूली बच्चों की परिवहन व्यवस्था को लेकर बैठक ली।

बैठक में श्री चौहान ने कहा कि नागदा में स्कूली बच्चों की सडक़ दुर्घटना में मृत्यु अत्यन्त दु:खद है। इस घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिये हम सभी को पहले से जागरूक, सतर्क रहकर जिम्मेदारी से अपना काम करना होगा। इसके लिये स्कूलों में एक व्यवस्था बनाई जाने की आवश्यकता है। समस्त स्कूल संचालक स्कूलों में आने वाले प्रायवेट वाहन जैसे टेम्पो, बस, वेन इत्यादि का रजिस्टर में रिकार्ड मेंटेन करें।

स्कूली बच्चों के यातायात के लिये सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित गाईड लाइन, एसओपी का पालन वाहन चालकों से कराया जाना सुनिश्चित करें। स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने वाले वाहनों का रंग अनिवार्यत: पीला हो। साथ ही वाहन के पीछे हेल्पलाइन नम्बर अनिवार्यत: अंकित करवाया जाये। स्कूल बसों और अन्य वाहनों का सप्ताह में दो बार परीक्षण आरटीओ द्वारा करवाया जाये।

समय-समय पर वाहनों की फिटनेस की जांच करवाई जाये। ट्रैफिक पुलिस द्वारा स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने वाले वाहनों में निर्धारित क्षमता से अधिक बच्चे न हो, इसकी नियमित रूप से जांच की जाये। इसका सुचारू रूप से अभियान चलता रहे।

इसमें समस्त निजी स्कूल संचालक, पुलिस अधीक्षक यातायात, एसडीओपी समस्त विकास खण्ड, जिला परिवहन अधिकारी श्री संतोष मालवीय, परिवहन जांच टीम के अधिकारी, महिला सशक्तिकरण अधिकारी श्री साबिर अहमद सिद्धिकी, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ.केसी परमार, जिला शिक्षा अधिकारी श्री आनन्द शर्मा सहित समस्त बीईओ एवं बीआरसी मौजूद थे।

ड्रायवर कंडक्टर का वेरिफिकेशन करवायें

स्कूल संचालक उनके यहां निजी स्कूल बस और वेन के ड्रायवर कंडक्टर का वेरिफिकेशन करवायें। समय-समय पर पेरेंट्स-टीचर मीटिंग आयोजित कर बच्चों के माता-पिता को इस बारे में जागरूक कराते रहें। ग्रामीण क्षेत्रों में जो स्कूल संचालित किये जा रहे हैं, वहां विशेष सावधानी बरती जाये। अवैध गैस किट से चलने वाली स्कूल वेन, रिक्शा को रोका जाये। स्कूल बसों में सीसीटीवी, फायर एस्टींग्विशर की व्यवस्था की जाये। साथ ही छोटे बच्चों के लिये एक अटेंडर भी बस में मौजूद रहे, जो उन्हें बस से उतारने और सुरक्षित चढ़ाने में सहायता करे।

श्री चौहान ने कहा कि स्कूल आवागमन के वाहनों में तेज आवाज में संगीत न बजाया जाये। बच्चों को कोचिंग के लिये ले जाने वाले वाहन का भी समय-समय पर निरीक्षण किया जाये। हाईवे पर मौजूद स्कूलों के सामने अनिवार्यत: साइन बोर्ड, स्पीड ब्रेकर और जेब्रा क्रॉसिंग बनवाई जाये। स्कूल संचालक माता-पिता को भी समझायें कि यह उनकी भी जिम्मेदारी है कि उनका बच्चा कौन-से वाहन में स्कूल तक आ रहा है। श्री चौहान ने इसके अलावा संचालकों से अपील की कि पहली से पांचवी कक्षा तक के बच्चों के बस्ते का वजन बहुत अधिक न हो, यह सुनिश्चित करें।

स्कूलों में छुट्टी के समय सभी बच्चों को एकसाथ न छोड़ा जाये। छोटे बच्चे यदि निजी वाहन से स्कूल आ रहे हैं तो उन्हें मना करें। फीस को लेकर बच्चों को अनावश्यक परेशान न करें। यदि कोई बच्चा गरीब परिवार से है तथा उसके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है तो ऐसे में मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए बच्चे को सहयोग प्रदान करें।

बैठक में स्कूल संचालकों ने श्री चौहान के समक्ष आवश्यक सुझाव दिये। बैठक के पूर्व श्री चौहान ने बालक और बालिका सुधार गृह का निरीक्षण किया तथा सुधार गृह की स्थिति पर संतोष व्यक्त किया। बैठक के पश्चात श्री चौहान ने उन्हेल पहुंचकर घायल स्कूली बच्चों के परिजनों से मिले तथा उन्हें सान्व्वना दी।

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