उज्जैन, अग्निपथ। शहर सहित जिले में भारी बारिश का दौर निकल चुका है। इस मानसून सीजन में जुलाई-अगस्त के बीच हुई अच्छी बारिश ने जिले में औसत बारिश का आंकड़ा तो पूरा कर दिया है लेकिन शहर में औसत आंकड़ा पूरा करने के लिए अभी भी 3.36 इंच बारिश की जरूरत है। मानसून सीजन का एक माह अभी बाकी है। जिसमें एक से दो बार हल्की से रिमझिम बारिश होने के आसार हैं।
जुलाई-अगस्त के बीच बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बार-बार हैवी सिस्टम बनने की वजह से अगस्त में ही जिले की औसत बारिश का कोटा पूरा हो गया। बीते वर्ष के मुकाबले इस वर्ष जिले में लगभग एक इंच ज्यादा बारिश हुई है। पिछले साल से तुलना की जाए तो उज्जैन जिले की 9 में से 7 तहसीलों में इस वर्ष ज्यादा बारिश हुई। माकड़ौन में इसी वर्ष वर्षामापी यंत्री लगने के कारण उसका पिछले वर्ष का रिकॉर्ड नहीं है।
इधर जीवाजी वेधशाला में दर्ज की जाने वाली औसत बारिश को शहर की औसत बारिश माना जाता है। वेधशाला में औसत 36 इंच के मुकाबले अब तक 32.64 इंच बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है। शहर में औसत बारिश का कोटा पूरा करने के लिए 3.36 इंच बारिश की और जरूरत है।
हालांकि मानसून सीजन के समाप्त होने से एक माह पहले ही पूरे शहर की प्यास बुझाने वाला गंभीर डेम लबालब हो चुका है। इसलिए अगले मानसून सीजन तक जलसंकट जैसी स्थितियां नहीं बनेगी। इधर मौसम विज्ञान केंद्र भोपाल के राडार प्रभारी डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया भारी बारिश का दौर अब लगभग समाप्त हो चुका है।
फिलहाल कोई नया हैवी सिस्टम भी एक्टिव नहीं है। इसलिए सितंबर में हल्की और रिमझिम बारिश ही होने की संभावना है। स्थानीय बादलों की वजह से उज्जैन जिले में 3 सितंबर तक बूंदाबांदी और हल्की बारिश होने की संभावना है।