बडऩगर, अग्निपथ। जीवन भर भिक्षा वृत्ति कर इकट्ठा की अपनी सारी जमा पूंजी एक वृद्धा ने गीता भवन में दान कर दी। रेल्वे स्टेशन बडऩगर पर कलाबाई नामक 68 वर्षीय महिला कई वर्षों से हरी ओम का उच्चारण कर यात्रीयों से भीक्षा मांगती हैं। यात्रियों से 1, 2, 5 के सिक्के प्राप्त कर भिक्षावृत्ति से अपना पेट भरती हैं। कोरोना काल मे गीता भवन के द्वारा हर सार्वजनिक जगह पर भोजन के नि:शुल्क पेकेट की व्यवस्था की थी।
ट्रेने भी बंद थी उसके साथ सभी प्लेट फार्म पर सोने वाले गरीब असहाय को भोजन प्रतिदिन वितरण होता था। इस बात को ध्यान मे रखते हुऐ कलाबाई अन्त समय तक बचाई गई राशि 2 हजार रूपये के सिक्के स्वयं गीता भवन में उपस्थित होकर राशि प्रबंधक संजय कुमावत को सौंपी।
कलाबाई ने गीताभवन व न्यास अध्यक्ष हरिकिशन मेलवाणी की निराश्रित असहाय व्यक्ति को भोजन कराने की प्रशंसा भी की। दिये गये दान के बारे में कहा की जीवन के अन्तिम क्षणो में जमा सिक्के दान कर पुण्य कमाया हैं। इस दौरान सेवादार राजेन्द्र कोशल, रमेश राठौड़, बिहारीलाल शर्मा उपस्थित थे।