देश के भविष्य के कंधों से कब कम होगा किताबों का बोझ

उज्जैन, अग्निपथ। एक बार फिर प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा बस्तों के बोझ को कम करने का आदेश जारी कर पुरानी परंपरा का निर्वाह किया है। बच्चों के कंधों से बस्ते का बोझ करने के आदेश पिछले कई वर्षों से निकाले जा रहे हैं जो अधीनस्थ विभागों की फाइलों में कार्रवाई नहीं करने के बोझ से आज तक बाहर नहीं निकल पाए हैं इस नवीन आदेश में भी पुराना आदेश निरस्त कर एक नया आदेश जारी किया है।

राज्य शासन द्वारा निर्धारित एवं एनसीईआरटी द्वारा निर्धारित पाठ्य पुस्तकों से अधिक पुस्तकें विद्यार्थियों के बैग में नहीं होना चाहिए। राज्य शासन द्वारा तत्काल प्रभाव से 2019 के पुराने आदेश को निरस्त करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की दृष्टि से मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्कूल शिक्षा विभाग एवं साक्षरता विभाग एवं भारत सरकार के परिपत्र द्वारा दिनांक 24 नवंबर 2020 द्वारा जारी स्कूल बैग पालिसी 2020 के परिपालन में प्रदेश के समस्त शासकीय अशासकीय स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के स्कूल बैग हेतु नए दिशा निर्देश जारी किए हैं।

ये है नए आदेश

  • नर्सरी से कक्षा सेकंड तक के विद्यार्थियों को गृह कार्य नहीं दिया जाए, जबकि कक्षा 3 से 5 तक के विद्यार्थियों को प्रति सप्ताह 2 घंटे का होमवर्क दिया जाये।
  • कक्षा छह से आठवीं तक के विद्यार्थियों को प्रतिदिन 1 घंटे का कक्षा 9 से 12वीं तक के विद्यार्थियों को प्रतिदिन अधिकतम 2 घंटे का होमवर्क ही दिया जाए।
    बस्ते के वजन के संबंध में
  • प्रत्येक स्कूल को स्कूल के नोटिस बोर्ड पर बस्ते के बोझ संबंधी दिशा निर्देश का चार्ट प्रदर्शित करना होगा स्कूल डायरी का वजन भी इसमें सम्मिलित किया जाएगा।
  • स्कूल प्रबंधन समिति कक्षा आठवीं तक के विद्यार्थियों की अभ्यास पुस्तिकाएं वर्क बुक एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों को स्कूल में रखने की ही व्यवस्था सुनिश्चित करें।
  • स्कूल प्रबंधन समिति द्वारा ऐसी समय सारणी तैयार की जावे जिससे विद्यार्थियों को प्रतिदिन सभी पुस्तकें सभी कापियां नहीं लाना पड़े इससे बस्ते का बोझ निर्धारित वजन से ज्यादा नहीं होगा।
  • स्कूल प्रबंधन समिति कंप्यूटर नैतिक शिक्षा शारीरिक शिक्षा स्वास्थ्य खेल एवं कला की शिक्षा एवं शिक्षण बिना पुस्तकों के ही कराया जाए
  • बच्चों के स्कूल बैग कम वजन के जो कंधों पर आसानी से लटक सके ट्राली बैग की अनुमति किसी प्रकार नहीं दी जाएगी
  • सप्ताह में 1 दिन स्कूल बैग के बिना किया जाए इस दिन कार्यानुभव के आधार पर गतिविधियां कराई जाए।
  • जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा हर 3 माह में शासकीय एवं अशासकीय सीबीएसई आदि स्कूलों का रैंडम निरीक्षण कर स्कूलों के देख के वजन का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित करेंगे कि उनका वजन निर्धारित सीमा में हो
  • पालकों के साथ संवाद के लिए शिक्षक डिजिटल माध्यम का उपयोग करें समय-समय पर स्कूल देखकर वजन को लेकर पालको एवं शाला प्रबंधन समिति से चर्चा की जाए जिससे सभी हितग्राही स्कूल बैग वजन के संबंध में जागरूक हो।

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