पत्नी-बेटे से मिलने इंदौर से भोपाल जा रहे युवक को आयशर वाहन ने मारी टक्कर, मौत

देवास, अग्निपथ। इंदौर से पत्नी व बेटे को मिलने के लिए एक्टिवा से भोपाल स्थित ससुराल जा रहे युवक को मधुमिलन चौराहे के निकट अंध गति से जा रही आयशर वाहन ने टक्कर मार दी थी। जिसे गंभीर घायल अवस्था में ऑटो रिक्शा से जिला चिकित्सालय ले जाया गया, लेकिन उसने बीच रास्ते में दम तोड़ दिया।

मृतक दिशांत
मृतक दिशांत

पुलिस के अनुसार अपनी पत्नी व दो वर्षीय बेटे से मिलने इंदौर से दिशांत पिता दिलीप परछैया (25 वर्ष) भोपाल अपने ससुराल के एक्टिवा (एमपी 09 यूके 3941) से जा रहे थे। शुक्रवार रात करीब 9.30 बजे औद्योगिक क्षेत्र के समीप मधुमिलन चौराहे से टाटा चौराहे के बीच आयशर वाहन (एमपी 41 जीए 0362) अंध गति से जा रही थी। आयशर के वाहन चालक ने दिशांत को टक्कर मार दी। जिस पर वह गंभीर रूप से घायल हो गया और तड़पने लगा।

घटना के बाद वाहन चालक मौके से फरार हो गया था। प्रत्यक्षदर्शियों ने तत्काल एंबुलेंस को सूचना दी लेकिन आधे घंटे तक एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची थी, जिस पर उसे घायल अवस्था में ऑटो रिक्शा से जिला चिकित्सालय लेकर आए। जहां डॉक्टर ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही परिजन भी जिला चिकित्सालय पहुंचे थे।

बताया गया है कि दिशांत घर में इकलौता था, जिसकी तीन वर्ष पूर्व ही शादी भोपाल हुई थी उसका दो वर्षीय एक बेटा भी है। औद्योगिक थाना पुुलिस ने मर्ग आयशर वाहन वाहन जब्त कर लिया है।

समय पर अस्पताल ले गए होते तो बच सकता था दिशांत; देखते रहे लोग

अपनी पत्नी व बेटे को मिलने के लिए एक्टिवा से अपने ससुराल भोपाल जा रहे इंदौर दिशांत को मधुमिलन चौराहे के निकट अंधगति से जा रही आयसर ने टक्कर मार दी थी। दिशांत सडक़ पर तड़पता रहा, लेकिन आसपास के लोग देखते रहे, किसी ने उसे अस्पताल पहुंचाने तक की हिम्मत नही की। उसी मार्ग से निकलकर साथियों के साथ अपने घर की ओर जा रहे अनुज प्रजापति ने जाम की स्थिति को देखते हुए मौके पर पहुंचे और एक ऑटो रिक्शा को रोककर गंभीर घायल युवक को अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

दिशांत ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। अनुज ने बताया कि लोग दिशांत को बीच सडक़ पर खड़े होकर देखते हुए और मोबाईल से वीडियो बनाते रहे, लेकिन किसी ने उसे अस्पताल ले जाने की हिम्मत नही जुटाई। यदि दिशांत को दुर्घटना के तुरंत बाद अस्पताल ले जाया गया होता तो आज वह हमारे बीच होता।

अनुज ने कहा कि शासन-प्रशासन को इस ओर ध्यान देते हुए जन जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। बहुत से लोग सोचते है कि यदि हम दुर्घटना में घायल युवक को अस्पताल लेकर जायेंगे तो हमें भी पुलिस थाना व कोर्ट कचहरी के चक्कर लगाने पड़ेंगे। ये भ्रांतिया दूर करने के लिए जागरूकता अभियान चलाना अति आवश्यक है।

सरकार द्वारा घोषण भी की गई है कि किसी भी व्यक्ति के सडक़ दुर्घटना के क्रम में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने पर पहुंचाने वाले व्यक्ति को पुरस्कार राशि एवं प्रशस्ति पत्र भी दिया जाएगा। लेकिन बहुत से लोग इस बात से अंजान है। अनुज द्वारा पूर्व में भी कई जनहितैषी कार्य किए गए है।

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