रजत जडि़त पालकी में सवार होकर भ्रमण पर निकले नगर कोतवाल काल भैरव

काल भैरव

उज्जैन, अग्निपथ। भगवान श्री महाकालेश्वर के सेनापति भगवान काल भैरव की डोल एकादशी पर भव्य सवारी निकाली गई। भगवान काल भैरव की सवारी को भी ठीक उसी तर्ज पर निकाला जाता है जैसे भगवान महाकालेश्वर की सवारी निकलती है। शाही ठाट-बांट से महाकाल के कोतवाल नगर भ्रमण पर निकले, इस दौरान हजारों की संख्या में भक्तों ने भगवान काल भैरव के दर्शन किए।

भैरवगढ़ स्थित भगवान काल भैरव के मंदिर में मंगलवार की शाम कलेक्टर आशीष सिंह, एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला ने भगवान की पालकी का पूजन किया। मुखोटे के स्वरूप में काल भैरव को पालकी में विराजित किया गया। इस दौरान भगवान काल भैरव को सिंधिया रियासतकालीन पगड़ी धारण कराई गई। इसे खासतौर से ग्वालियर से सिंधिया घराने द्वारा भेजा गया था। जयकारों की गूंज के साथ पालकी मंदिर से बाहर लाई गई।

इस दौरान मंदिर परिसर में और मंदिर के बाहर हजारों की संख्या में भक्तगण मौजूद थे। भगवान काल भैरव की पालकी केंद्रीय जेल, नया बाजार, माणक चौक, महेंद्र मार्ग होते हुए सिद्धवट मंदिर पर पहुंची। यहां शिप्रा जल से भगवान काल भैरव का अभिषेक किया गया। इसके बाद पुनत्न जेल मार्ग से होते हुए भगवान काल भैरव की पालकी मंदिर पर पहुंची।

सवारी में आगे-आगे केंद्रीय जेल के प्रहरी मार्च पास्ट करते हुए चल रहे थे। भक्त मंडलियों के सैकड़ो सदस्य झांझ और मंझीरे बजाते हुए सवारी में शामिल हुए। इसके अलावा सवारी में बैंड, धार्मिक झांकिया, हाथी-घोड़े, बघ्घी आदी शामिल किए गए। केंद्रीय जेल के गेट पर जेल स्टाफ द्वारा भगवान काल भैरव को सलामी दी गई।

भगवान काल भैरव के स्वागत के लिए जेल गेट पर आकर्षक रांगोली बनाई गई थी। कोरोना संक्रमण काल के 2 साल तक चले विभिन्न प्रतिबंधो के बाद यह पहला अवसर था जब भगवान काल भैरव की सवारी में भी किसी तरह का प्रतिबंध नहीं था। इस वजह से हजारों की संख्या में भक्तगण भगवान काल भैरव के दर्शन करने पहुंचे। इस साल पहली बार भगवान काल भैरव की सवारी रजत जडि़त पालकी में निकाली गई है। यह पालकी ग्वालियर के व्यापारी संदीप मित्तल के परिवार द्वारा मंदिर में अर्पित की गई है। पालकी में लगभग 16 किलो चांदी का इस्तेमाल किया गया है।

Next Post

बस स्टैंड की बजाय मुख्य मार्गों से यात्रियों को बैठाया जा रहा बसों में

Tue Sep 6 , 2022
कलेक्टर के आदेश के बाद भी बस वाले मनमानी पर उतारू-दिनभर यातायात होता है बाधित उज्जैन अग्निपथ । नानाखेड़ा और देवास गेट स्थित बस स्टैंड शहर के सबसे व्यस्ततम बस स्टैंड में गिने जातें हैं । इंदौर सहित आसपास के तहसीलों में जाने के लिये इन दोनों बस स्टैंड से […]
बस