जिला पंचायत सदस्यों को मंच पर बुलाने से नाराज होकर किया बहिष्कार
महिदपुर, अग्निपथ। शिक्षक दिवस के अवसर पर शासकीय यशवंत उत्कृष्ट उमावि में आयोजित विकासखंड स्तरीय सेवानिवृत्त शिक्षकों का सम्मान समारोह आमंत्रित जनप्रतिनिधियों की घटिया राजनीति के अखाड़े की छाप छोड़ गया। कांग्रेस के चुने गए जनप्रतिनिधियों को मंच पर बुलाने पर भाजपा के नेता नाराज होकर शिक्षकों का सम्मान छोड़ कार्यक्रम से चले गए।
जिला शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार शिक्षक दिवस पर 5 सितंबर को विकासखंड के सेवानिवृत्त शिक्षकों का सामूहिक सम्मान समारोह नोडल अधिकारी एवं उत्कृष्ट विद्यालय संकुल प्राचार्य किशोर परमार एवं सहायक नोडल अधिकारी बीआरसी रमेश देवड़ा ने आयोजित किया था। कार्यक्रम में किन-किन जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित करना है यह नाम भी जिले से ही भेजे गए थे। जिसके परिपालन में उत्कृष्ट विद्यालय परिसर में कार्यक्रम का आयोजन रखा गया।
कार्यक्रम में जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि, नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि, नगरपालिका उपाध्यक्ष, भाजपा के मंडल अध्यक्षों सहित अन्य जनप्रतिनिधि मंचासीन थे। कार्यक्रम शुरू होने के कुछ देर बाद ही जिला पंचायत सदस्य प्रतापसिंह आर्य एवं श्यामसिंह चौहान भी वहां पहुंचे। जिस पर आयोजकों ने दोनों अतिथियों को भी मंच पर आमंत्रित किया। इस बात को लेकर पूर्व से मंचस्थ भाजपा के जनप्रतिनिधियों ने बखेड़ा खड़ा कर दिया और कार्यक्रम का बहिष्कार कर चले गए।
अतिथियों के इस रवैये से आयोजक, सेवानिवृत्त शिक्षक, शिक्षा विभाग के अन्य स्टाफ सहित उपस्थित छात्र छात्राएं अवाक रह गए। हालांकि नोडल अधिकारी परमार एवं बीआरसी देवड़ा ने भाजपा के जनप्रतिनिधियों को मनाने के काफी प्रयास किए, लेकिन बहिष्कार कर चुके भाजपाई नेता अशोभनीय व्यवहार करते हुए आयोजकों को कार्यक्रम निरस्त करने एवं बाद में अलग आयोजन रखने के निर्देश देते हुए हल्के शब्दों का प्रयोग करते रहे।
काफी देर तक चले हंगामे के बाद भाजपा के जनप्रतिनिधियों के मैदान छोडक़र जाने के बाद दोनों जिला पंचायत सदस्य आर्य व चौहान के आतिथ्य में सेवानिवृत्त शिक्षकों को पुष्प माला पहनाकर शाल श्रीफल से सम्मानित किया गया। हालांकि कार्यक्रम में हुए हंगामे के कारण किसी भी अतिथि का भाषण नहीं हुआ।
साथ ही कुछ आमंत्रित सेवानिवृत्त शिक्षक सम्मान से भी वंचित रह गए। भाजपा के जनप्रतिनिधियों द्वारा शिक्षक दिवस जैसे अवसर पर आयोजित सम्मान समारोह में किए गए हंगामे से अच्छे भले कार्यक्रम की गरिमा तार-तार हो गई, जिसकी समूचे क्षेत्र में तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की जा रही है।