बिना लाइसेंस बेच रहे थे खाद, बिल और स्टॉक रजिस्टर में भी गड़बड़ी

खाद की कालाबाजारी की सूचना पर राजस्व व कृषि विभाग की टीम ने की कार्रवाई

धार, अग्निपथ। राजस्व एवं कृषि विभाग की टीम ने अमझेरा के ग्राम राजपुरा में एक खाद-बीज फर्म के गोदाम पर छापे की कार्रवाई की है। यहां पर अवैध रूप से बिना लाइसेंस बेच रहे थे खाद  (कालाबाजारी) की सूचना मिली थी। जिसके बाद गोपनीय तरीके से टीम ने अचानक पहुंचकर जांच की तो कई अनियमितताएं सामने आई है।

फर्म के गोदाम में यूरिया, जिंक टेड पावडर, जिंक टेड दानेदार की करीब 380 बोरियां बरामद हुई है। व्यापारी के पास इनके क्रय का बिल भी नहीं मिल पाया है। इधर आनलाईन स्टॉक रजिस्टर में करीब 108 बोरियां अलग-अलग प्रकार के उर्वरकों की दर्शायी गई थी। मौके पर 84 बेग मिले है। विक्रय किए गए उर्वरक का बिल रिकार्ड कार्रवाई के दौरान नहीं मिल पाया है। विभाग ने पंचनामा बनाया है। अब व्यापारी के खिलाफ एफआईआर की प्रक्रिया शुरु कर दी है।

यह है मामला

राजपुरा स्थित सिर्वी खाद भंडार पर उर्वरक निरीक्षक राजेश बर्मन, वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी भुजुसिंह मंडलोई, नायब तहसीलदार अंतरसिंह कनेश एवं अन्य कर्मियों ने पहुंचकर कार्रवाई की। इस दौरान फर्म और गोदाम दोनों बंद थे। बोर्ड से नंबर देखकर दुकान संचालक लोकेश हम्मड़ को फोन लगाया। जिन्होंने क्षेत्र से बाहर होन और जल्द पहुंचने की बात कही। इसके बाद परिजनों को सूचना दी गई और चॉबियां लगवाकर गोदाम की जांच की गई। इस दौरान मौके पर पीओएस मशीन नहीं मिली। जिसके बाद मोबाईल डिवाईस के माध्यम से ऑनलाईन स्टॉक चैक किया गया। जिसमें गड़बडिय़ां सामने आई। इसके बाद टीम ने पूरे गोदाम की जांच की।

रात 3 बजे तक कार्रवाई

खाद-बीज की कालाबाजारी ना हो इसको लेकर कलेक्टर लगातार अधिकारियों को चेताते रहते है। राजपुरा में खाद की कालाबाजारी की सूचना कलेक्टर डॉ पंकज जैन को मिली थी। क्षेत्रीय एसडीएम राहुल चौहान को रात को साढ़े 11 बजे मैसेज भेजा गया था। कलेक्टर के मैसेज के बाद आधे घंटे के भीतर श्री चौहान व टीम मौके पर पहुंच गई थी। करीब रात के ढ़ाई-तीन बजे तक गोदाम पर जांच की कार्रवाई चलती रही। सूचना यह भी थी कि ट्रक में खाद भरकर भेजा जा रहा है, हालांकि मौके पर कोई ट्रक नहीं मिला है।

इसके बाद कुछ दूर तक ट्रक को तलाश भी किया गया। यह जरूर रहा कि गोदाम चैकिंग के दौरान अनियमिता पाई गई है। कृषि विभाग इस मामले में उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 की धारा 4/5/8 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3-7 के तहत अमझेरा थाने में फर्म संचालक के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई में जुट गया है।

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