महापौर का राउंड पड़ा भारी, कभी- कभी दूसरों की गलती का खामियाजा भी भुगतना पड़ता है
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकाल मंदिर के प्रोटोकाल कार्यालय में बुधवार को हुए महापौर के दौरे ने सहायक प्रोटोकाल अधिकारी का स्थानांतरण करवा दिया। मंदिर प्रशासन ने उसका सुबह की शिफ्ट से दोपहर में स्थानांतरण कर दिया है। एक सप्ताह ही हुआ था कि जब तबादला सूची जारी करते हुए उनको स्थानांतरण दोपहर से सुबह की शिफ्ट में किया गया था।
प्रोटोकाल कार्यालय में स्टेट गेस्ट सहित अनेक वीवीआईपी दर्शन के लिए पहुंचते हैं। उनको अटेंड करने वाले कर्मचारियों की जरा सी गलती हुई नहीं कि अतिथि शिकायत करने से बाज नहीं आता है। देर से क्यों आए….दर्शन में देरी क्यों हो रही है….आदि आदि बातें अतिथियों द्वारा सुनाई जाती हैं। मजबूरी में यहां पर कार्य करने वाले प्रोटोकाल कर्मचारी अपना मुंह नहीं खोलते हुए सब सुनते रहते हैं। जरा सा मुंह से कुछ निकला नहीं कि उनकी शिकायत उपर तक पहुंच जाती है। मंदिर प्रशासन के अधिकारी भी केवल कर्मचारी की ही गलती देखते हैं और अतिथियों की जरा सी शिकायत पर उनका तबादला अथवा नोटिस थमा देते हैं। अतिथियों की बेजा शिकायत को नजरअंदाज नहीं किया जाता।
इससे कर्मचारियों को मोरल डाउन होता है। यही हाल बुधवार को सहायक प्रोटोकाल अधिकारी के साथ हुआ। विधायक की झूठी शिकायत पर महापौर के द्वारा संज्ञान लेने पर मंदिर प्रशासन ने सहायक प्रोटोकाल अधिकारी भीमराज खांडेगर का सुबह की शिफ्ट से दोपहर की शिफ्ट में तबादला कर दिया। उनकी जगह सहायक प्रोटोकाल अधिकारी राजेन्द्र सिसौदिया काम देखेंगे।
एक सप्ताह पहले हुआ था तबादला
मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने 1 अगस्त को तबादला सूची जारी की थी जिसमें 34 कर्मचारियों के थोकबंद तबादले किए गए थे। इनमें भीमराज खांडेगर को भी दोपहर से सुबह की शिफ्ट में स्थानांरित किया गया था। वहीं राजेन्द्र सिसौदिया को सुबह से दोपहर की शिफ्ट में डाला गया था। लेकिन एक सप्ताह बाद ही विधायक की गलती की सजा उनको भुगतना पड़ी।