महाकाल मंदिर: 5 नंबर चढ़ाव गेट बंद होने से प्रोटोकाल कर्मचारियों की हुई फजीहत

विश्रामधाम से लंबा घुमाकर करवाना पड़े दर्शन, बाहर निकलने में भी आई दिक्कत

उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकाल मंदिर में विस्तारीकरण कार्य के अंतर्गत अब परिसर को विस्तारित किए जाने का काम शुरू कर दिया गया है। रविवार को तुड़ाई के चलते 5 नंबर चढ़ाव गेट को बंद कर दिया गया। इससे वीवीआईपी सहित कर्मचारियों को तो परेशानी आई ही, वहीं अन्य श्रद्धालुओं को बाहर निकलने का रास्ता लंबा होने से भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

मंदिर विस्तारीकरण कार्य के अंतर्गत पुराने कंट्रोल रूम से लेकर शहनाई गेट तक की तुड़ाई का काम पूरा हो चुका है। रविवार को शहनाई गेट के आसपास जेसीबी से तुड़ाई का काम चल रहा था। ऐसे में 5 नंबर चढ़ाव गेट को बंद कर इस पर ताला लगा दिया गया। हालांकि यह काम श्रद्धालुओं की सुरक्षा चलते किया गया था, लेकिन इससे श्रद्धालुओं को मंदिर से बाहर निकलने के लिए निर्गम गेट और सभामंडप से वापस विश्रामधाम होते हुए निर्गम करना पड़ा। कई बड़े बुजुर्ग श्रद्धालु बिना व्हीलचेयर के चलते हुए काफी परेशान हुए।

विश्रामधाम से लंबा घुमाकर ले जाना पड़ा

अभी तक मंदिर विस्तारीकरण कार्य के चलते फेसिलिटी से प्रवेश बंद कर सामान्य श्रद्धालुओं को शंख द्वार और वीआईपी प्रोटोकाल प्राप्त श्रद्धालुओं को 4 नंबर गेट से प्रवेश दिया जाकर 5 नंबर चढ़ाव गेट से उतार कर महाकाल दर्शन करवाए जा रहे थे। कर्मचारियों के लिए यह आसान और छोटा रास्ता था। लेकिन गेट बंद कर दिए जाने से अब प्रोटोकाल कर्मचारियों को विश्रामधाम से रैम्प उतारते हुए

वीआईपी को सभामंडप और फिर यहां से नंदीहाल और एक नंबर बेरिकेड से दर्शन करवाए जा रहे हैं। रविवार होने से वीआईपी श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने से कर्मचारियों को लंबा रास्ता तय करने में परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं वीआईपी श्रद्धालु भी परेशान हो गए।

रविवार को उमड़ी आस्था

गणेश चतुर्थी सहित अन्य त्योहार एक के बाद एक आने से मंदिर में अभी तक सीमित संख्या में श्रद्धालु दर्शन को आ रहे थे। लेकिन रविवार को एकाएक बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आगमन हो गया। सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता मंदिर में महाकाल दर्शन को लगा रहा। सिद्धि विनायक मंदिर सहित अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ जमा रही।

मंत्री सिलावट ने किए महाकाल दर्शन

रविवार को जलसंसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने भगवान महाकाल के गर्भगृह से दर्शन पूजन अभिषेक किया। पश्चात इंदौर लौटते समय हरिफाटक ब्रिज के आगे एक घायल दंपत्ति को देखकर उन्होंने काफिला रुकवा कर उनको चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाई।

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