नगर निगम में हावी लालफीता शाही, मामला गोवर्धन सागर की जमीन पर अवैध अतिक्रमण का
उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम में भले ही कहने को नया बोर्ड बन गया है, महापौर और नगर निगम अध्यक्ष के साथ कुल 55 जनप्रतिनिधियों के हाथ में निगम की कमान आ चुकी है लेकिन लालफीता शाही का दौर अब भी खत्म नहीं हुआ है। नगर निगम के अधिकारियों का हाल ही में एक ऐसा कारनामा सामने आया है जिसने निगम अध्यक्ष को भी गरम तेवर अपनाने पर मजबूर कर दिया है।
नगर निगम के झोन 2 के भवन अधिकारी ने झोन नंबर 1 में रहने वाले 24 लोगों को भवन तोडऩे के नोटिस जारी कर दिए। जिन लोगों को नोटिस मिले, वे निगम अध्यक्ष कलावती यादव के वार्ड में रहते है। नोटिस देने से पहले कलावती यादव को भी इसकी जानकारी तक नहीं दी गई। रविवार की दोपहर जब इस बात पर खासा हंगामा खड़ा हो गया तो नगर निगम के अधिकारी सफाई देने लगे।
यह पूरा घटनाक्रम प्राचीन सप्त सागरों में से एक गोवर्धन सागर की जमीन पर अवैध अतिक्रमण से जुड़ा हुआ है। पिछले दिनों राजस्व विभाग की टीम ने गोवर्धन सागर की जमीन का सर्वे किया था। गोवर्धन सागर कस्बा उज्जैन में स्थित भूमी सर्वे नंबर 1281 खसरे में 7.716 हेक्टेयर रकबे में है। राजस्व विभाग की इसी रिपोर्ट के आधार पर नगर निगम के झोन क्रमांक 2 के भवन अधिकारी साहिल मैदावाला ने गोवर्धन सागर के सामने चेरिटेबल अस्पताल की पट्टी में रहने वाले 24 परिवारों को नोटिस जारी कर दिए।
सभी रहवासियों से नोटिस जारी कर कहा गया कि आपका स्थाई अथवा अस्थाई निर्माण गोवर्धन सागर के सर्वे नंबर 1281 पर आ रहा है लिहाजा 24 घंटे में अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करे अन्यथा आपका निर्माण हटाने की कार्यवाही कर दी जाएगी। रहवासियों को नगर निगम का नोटिस शनिवार की शाम को मिला। इसके बाद इन सभी 24 परिवारों में रहने वाले 100 से ज्यादा लोगों के होश फाख्ता हो गए।
नोटिस से घबराए हुए लोगों ने नगर निगम अध्यक्ष कलावती यादव से फोन पर बात की, विधायक पारस जैन के पास अपनी गुहार लगाई। निगम अधिकारियों से भी बात की। रविवार का अवकाश होने की वजह से इनकी समस्या का कोई सटिक निराकरण नहीं हो सका। सोमवार को अब सभी रहवासी परिवार कलेक्टर आशीष सिंह से मुलाकात कर उनके सामने अपनी बात रखेंगे।
100 से ज्यादा नोटिस तैयार, अभी बांटे केवल 24
गोवर्धन सागर की जमीन से जुड़े मामले में कुछ दिन पहले नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल(एनजीटी) द्वारा पारित आदेश के अनुक्रम में नगर निगम के झोन क्रमांक 2 में गोवर्धन सागर के आसपास रहने वाले 100 से ज्यादा मकानों के रहवासियों को नोटिस देने की तैयारी की गई है। फिलहाल केवल चेरिटेबल अस्पताल के पास वाले हिस्से के 24 रहवासियों को ही नोटिस बांटे गए है। विक्रमादित्य क्लाथ मार्केट, गणेश टेकरी, नगर कोट माता मंदिर क्षेत्र और अंकपात मार्ग की ओर वाले भाग में नोटिस बंटना अभी शेष है।
लोग घबराए नहीं, हम उचित समाधान निकालेंगे
वार्ड नंबर 15, झोन नंबर 1 में चेरिटेबल अस्पताल वाली पट्?टी में जिन 24 परिवारों को जोन क्रमांक 2 से अवैध निर्माण के नोटिस जारी हुए है, उनके मामले में झोन क्रमांक 2 के भवन अधिकारी साहिल मैदावाला ने स्थिति साफ की है। साहिल मैदावाला ने अग्निपथ के माध्यम से कहा कि जिन्हें नोटिस मिले है, वे घबराए नहीं।
हमने केवल रहवासियों से उनके स्वामित्व संबंधी दस्तावेज मांगे है। यदि वास्तव में उनके मकान किसी ओर सर्वे नंबर पर है, तो स्थिति साफ हो जाएगी। मैदावाला ने कहा कि राजस्व विभाग से हमें जो रिपोर्ट मिली, उसके आधार पर नोटिस जारी किए गए, अब रहवासियों का पक्ष भी जान लिया जाएगा। इससे गोवर्धन सागर की जमीन का वास्तविक आंकलन निकालने में मदद मिलेगी।
जनप्रतिनिधियों का नाकारापन, भुगत रही जनता
- उज्जैन में पिछले कुछ दिनों से आम लोग जनप्रतिनिधियों का नाकारापन भोगने को मजबूर हो रही है। खुद सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता भी लालफीताशाही का शिकार हो चुके है।
- महाकालेश्वर मंदिर में भाजयुमों कार्यकर्ताओं के हंगामे के बाद भाजयुमों कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों पर तो कार्यवाही हुई लेकिन अव्यवस्था के लिए बहुत हद तक जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई एक्शन नहीं लिया गया।
- भाजपा का हमेशा सहयोग करने वाले विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता की महाकालेश्वर मंदिर में जमकर पिटाई हुई, हिंदूवादी कार्यकर्ता से आतंकियों की तरह व्यवहार किया गया। निचले स्तर के कार्यकर्ताओं ने अपनी ही पार्टी के जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं को सोशल मीडिया पर खूब खरी-खोटी सुनाई लेकिन एक भी अधिकारी पर कार्यवाही नहीं करवा सके।
- नगर निगम अध्यक्ष कलावती यादव उच्चशिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव की बड़ी बहन है। कलावती यादव के साथ उच्चशिक्षा मंत्री की भी साख जुड़ी हुई है। उन्हीं के वार्ड में एक साथ 24 रहवासियों को नोटिस बांट दिए जाते है और कलावती यादव को इसके बारे में बताया तक नहीं जाता।
- गोवर्धन सागर का मामला उज्जैन उत्तर के विधायक पारस जैन का निर्वाचन क्षेत्र है। पारस जैन पूर्व मंत्री रहे है, राज्य सरकार में उनकी आज भी साख है। उन्हीं के निर्वाचन क्षेत्र में नगर निगम से 100 से ज्यादा परिवारों के लिए नोटिस तैयार किए जाते है और पारस जैन को इसकी भनक तक नहीं है।
नगर निगम में ऐसा भी होता है
- चेरिटेबल अस्पताल के पास वाली पट्टी में जिन 24 रहवासी परिवारों को नगर निगम के झोन नंबर 2 से नोटिस जारी हुए है, वे सभी वार्ड नंबर 15 यानि निगम अध्यक्ष कलावती यादव के वार्ड के रहवासी है। खुद कलावती यादव को ही इस तरह के नोटिस की जानकारी नहीं है, निगम के किसी अधिकारी ने उनसे बात तक नहीं की।
- जिन 24 रहवासियों को नोटिस मिले है, उनके मकान सर्वे नंबर 1289/1 पर है। चेरिटेबल अस्पताल भी इसी सर्वे नंबर पर बना है। इसके अलावा इसी सर्वे नंबर पर लगभग 150 मकान बने है।
- झोन नंबर 1 के कार्यक्षेत्र में झोन नंबर 2 से रहवासियों को अवैध निर्माण के नोटिस जारी कर दिए गए है।
ये बात सहीं है कि निगम के अधिकारी यदि कहीं कोई कार्यवाही करते है तो कम से कम उस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि को तो इसके बारे में बताना चाहिए ही। मेरे वार्ड में ही नहीं, शहर में अन्य कहीं भी यदि कोई कार्यवाही हो तो उस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि को इसके बारे में बताना चाहिए। इसमें कहीं चूक हुई, हालांकि गोवर्धन सागर के सामने वाले मामले में मेरी अधिकारियों से बात हुई है। सोमवार को इस मसले का उचित समाधान निकाल लेंगे।
– कलावती यादव, नगर निगम अध्यक्ष
यह भी पढ़ेंः कलेक्टर ने निरस्त करवाए नगर निगम के हवाहवाई नोटिस