महाकाल मंदिर प्रशासक के बाद कलेक्टर ने जांच समिति बनाई

एक विवाद में दो समितियों का गठन हो गया, कर्मचारियों के विवाद में दो अलग अलग समिति जांच करेंगी

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में कार्यरत कर्मचारियों के बीच चल रहे विवाद का पटाक्षेप होने की बजाए अब तो जिला प्रशासन और मंदिर प्रशासन भी आमने-सामने हो गए है। कारण है कि एक दिन पहले मंदिर प्रशासन ने विवाद की सुनवाई करने के लिए पांच सदस्यीय समिति बनाई थी। इसके जवाब में जिला प्रशासन की ओर से बुधवार को एक नई तीन सदस्यीय समिति जांच के लिए बना दी है। ऐसे में मंदिर से जुड़े विवाद अब सुलझने के बजाए और उलझ गया है।

श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के दो पक्ष के कर्मचारियों के बीच आठ दिन से चल रहे विवाद में मंदिर प्रशासन ने पांच सदस्यीय समिति बना कर सभी कर्मचारियों को बयान के लिए बुलाया था। समिति में मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य राजेंद्र शर्मा गुरु को अध्यक्ष बनाकर सदस्य श्री वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के निदेशक पीयूष त्रिपाठी सहायक प्रशासक प्रतिक द्विवेदी मंदिर समिति के कार्यालय अधीक्षक प्रेम उदैनिया मंदिर समिति की जनसंपर्क अधिकारी गोरी जोशी को सदस्य बनाया है।

कोठी पर पदस्थ मंदिर के दो कर्मचारी ने समिति के बुलावे की सूचना नही होने का हवाला देते हुए मंदिर प्रशासन की जांच समिति को ही कटघरे में खड़ा कर दिया था। कहना था कि वे कोठी के कर्मचारी है इस लिए कोठी से ही जांच समिति बनेगी। यह विवाद सुलझा भी नही था और बुधवार को दोपहर बाद एडीएम कार्यालय से कर्मचारियों के विवाद के चलते समाचार पत्रों में छपी खबरों के तथ्यों की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति बना कर आदेश जारी किया है।

इस समिति में गरिमा रावत संयुक्त कलेक्टर, अनुराधा सेकवार सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग और मूलचंद जूनवाल सहायक प्रशासक श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति शामिल है।

कल कहा था कलेक्टर की समिति जांच करेगी, आज बन भी गई

मंगलवार को विवाद को खत्म करने के लिए महाकाल मंदिर के बनी पांच सदस्य समिति ने अभिषेक भार्गव और रजनी खैर को बुलाया था। लेकिन दोनों ने समिति के सामने अपना पक्ष रखने से इंकार करते हुए कहा था की कलेक्टर साब समिति बनाएंगे। हम वहां के कर्मचारी है। इस बात को 24 घंटे भी नहीं बीते थे की एक नया आदेश जारी कर दिया गया जिसमें तीन सदस्य दल बनाकर पुरे मामले की जांच सोप दी गई है। अब देखना ये है की इस विवाद में कोनसी समिति आखरी फैसला लेगी।

कर्मचारियों के विवाद में मंदिर की छबि धूमिल हो रही

श्री महाकालेश्वर मंदिर के कुछ कर्मचारियों के बीच चल रहे विवाद में मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन के आमने-सामने होने से महाकाल मंदिर की छबि धूमिल हो रही है। कारण है कि कर्मचारी महाकाल मंदिर के है। ऐसे में महाकाल मंदिर का नाम समाचार पत्रों में जाता है जिसके कारण मंदिर की छबि पर प्रभाव पड़ता है।

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