बैठक में नही हुआ निर्णय, सदस्य पुराने हिसाब का ब्यौरा मांगते रहे
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की बैठक बुधवार को चौथी बार आयोजित हुई। चौथी बैठक में भी कार्य सूची के किसी भी मुद्दे को लेकर कोई निर्णय नही हो सका है। मौजूद सदस्य विश्वविद्यालय में पूर्व में की गई खरीदी हिसाब किताब की जानकारी जुटाते रहे। ऐसे में नैक टीम आने की तैयारी को लेकर होने वाली 60 लाख की खरीदी को भी स्वीकृति नहीं मिल सकी है।
विक्रम विद्यालय की कार्यपरिषद की पहले भी तीन बैठकें बिना किसी निर्णय के समाप्त हुई थी। यही हालत बुधवार को हुई बैठक में भी रही। दोपहर 11 बजे शुरू हुई बैठक कहने को 3 घंटे चली लेकिन बैठक के दौरान सदस्य कार्यसूची के बिंदु से अलग हटकर विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व में की गई ट्रैकसूट, कंप्यूटर, अन्य उपकरणों की खरीदी के हिसाब किताब की जानकारी लेते रहे।
खास बात यह है कि अगले महीने संभवत 15 अक्टूबर से नैक मूल्यांकन की टीम यहां निरीक्षण के लिए पहुंचेगी। नैक मूल्यांकन को देखते हुए विश्वविद्यालय की विभिन्न अध्ययनशालाओं और प्रशासनिक विभागों में फर्नीचर व आवश्यक सामग्री क्रय करने के लिए कार्यपरिषद की बैठक में 60 लाख की प्रशासकीय वित्तीय स्वीकृति के प्रकरण पर भी कोई चर्चा नहीं हो सकी।
लिहाजा बिना स्वीकृति के ही बैठक समाप्त हो गई। कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडे की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कार्यपरिषद सदस्य संजय नाहर, विनोद यादव, ममता बेंडवाल, डॉ. गोविंद गन्धे, डॉ. दीपिका गुप्ता, दिनेश सोनी, स्मिता भावलकर मौजूद थे।
स्वीकृति नही मिली क्या दिखाएंगे नैक टीम को
विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद तीन बार हुई बैठक में किसी भी बिंदू पर चर्चा नही हो सकी है। बुधवार को अधिकारियों को उम्मीद थी कि नैक टीम के दौरे को देखते हुए एजेंडे में शमिल 60 लाख की वित्तीय स्वीकृति मिल जाएगी। इस बैठक में भी स्वीकृति नही होने से अब जिम्मेदारों की धडक़ने तेज हो गई है। कारण है कि विभिन्न अध्यनशालाओं के लिए फर्नीचर व आवश्यक सामग्री नही खरीदी हुई तो नैक टीक के सामने क्या दिखाएंगे। कारण है कि उपलब्ध संसाधन के आधार पर ही टीम अंक देती है।