मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया सस्पेंड
झाबुआ, अग्निपथ। शहर के पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्रावास में पिछले काफी समय से बाहर से आकर यहां पढऩे वाले छात्रों द्वारा जूनियर छात्रों के साथ रैगिंग के नाम पर लगातार उन्हें प्रताडि़त करते हुए अभद्र व्यवहार और अशोभनीय कृत्य करने के मामले ने 18 सितंबर, रविवार रात करीब 10 बजे उस समय अत्यधिक तुल पकड़ लिया, जब सीनियर और जूनियर छात्रों के समूहों के बीच छात्रावास के अंदर ही ना केवल तू-तू, मैं-मैें हुई, अपितु सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों को बेल्ट, डंडों से जमकर पीटा। आपस में जमकर हाथापाई और मारपीट हुई।
जिसके बाद पीडि़त जूनियर करीब 70 से अधिक छात्र रात्रि में ही अपने छात्रावास से बाहर निकलकर पुलिस थाना पहुुंच गए, जहां उन्होंने सीनियर छात्रों के खिलाफ थाना प्रभारी से रिपोर्ट दर्ज कर सुरक्षा मुहैया करवाने की मांग रखी, लेकिन काफी देर तक कार्रवाई नहीं होने पर इसी बीच एक छात्र ने पुलिस थाने प्रांगण से ही जिले के पुलिस कप्तान अरविन्द तिवारी को मोबाईल से अपनी शिकायत दर्ज करवाने पर पुलिस अधीक्षक ने छात्रों की समस्याओं का निराकरण करने की बजाय उनके साथ अपशब्दों का प्रयोग किया। जिसका ऑडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ।
अगले दिन 19 सितंबर, सोमवार को सुबह इसकी खबर भोपाल तक सीएम षिवराजसिंह चैहान तक पहुंचने पर उन्होंने तत्काल ही मामले में संज्ञान लेते हुए काफें्रस के माध्यम से सीएस एवं डीजीपी को झाबुआ पुलिस अधीक्षक को हटाने के निर्देश जारी किए। बाद सोषल मीडिया पर वायरल हुआ ऑडियों सहीं पाए जाने पर एसपी अरविन्द तिवारी केे निलंबन के भी आदेश जारी कर दिए। इस बीच रविवार देर रात में ही छात्र विरोध प्रकट करते हुए कलेक्टर कार्यालय के बाहर भी करीब आधा घंटे बैठे रहे। जहां पुलिस एवं छात्र संगठन के पदाधिकारी की समझाईश के बाद वह पुन: अपने गंतव्य स्थल छात्रावास के लिए रवाना हुए।
शासन से रैगिंग पर है सख्त रोक
ज्ञातव्य रहे कि सरकार की ओर से कॉलेजो में रैगिंग पर सख्ती से रोक लगाई गई है। बावजूद इसके पॉलिटेक्निक कॉलेज झाबुआ के छात्रावास में पिछले लंबे समय से रैगिंग कैसे चल रहीं थी। कॉलेज के छात्रावास में पढऩे वाले जूनियर छात्रों के साथ बाहर के जिलो से आकर यहां पढऩे और रहने वाले सीनियर छात्रों द्वारा पिछले काफी समय से रैगिंग के नाम पर बार-बार अभद्र व्यवहार करना, मारपीट करने जैसी बात सामने आई है। पीडि़त जूनियर छात्रों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि उनके द्वारा इस संबंध में कई बार कॉलेज के प्राध्यापकों को अवगत करवाने के बाद भी उनके द्वारा लापरवाही बरती गई एवं कोई ध्यान नहीं दिया गया।
पीडि़त छात्रों ने तो यहां तक भी आरोप लगाया कि कॉलेज के कुछ प्राध्यापकों की शह पर ही सीनियर छात्र दबंगई से जूनियर छात्र के साथ रैगिंग के नाम पर बदत्तमीजी एवं अमानवीय कृत्य करते थे। ऐसे में कॉलेज के जिम्मेदार प्राचार्य गिरीश गुप्ता, इतने समय तक क्यो इस मामले में आंखे मूंदकर बैठे थे। यह कॉलेज प्राचार्च की भी बड़ी लापरवाही कहीं जा सकती है। जब 18 सितंबर, रविवार रात को मामला काफी गरमाया, तो प्राचार्य भागते हुए मध्य रात ही करीब साढ़े 12 बजे कॉलेज के छात्रावास में पहुंचे और दोनो पक्षों के छात्रों को समझाईश दी।
क्या कलेक्टर शासन से रैगिंग लेने पर रोक के सख्त निर्देश होने के बावजूद भी पॉलिटेक्निक कॉलेज में चल रहे इस तरह के मामले में जिम्मेदारों और लापरवाहों पर सख्ती से कार्रवाई करेगे, यह भी बड़ा प्रश्न है … ?
कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही के कारण अक्सर चर्चाओं में रहा है यह महाविद्यालय
ज्ञातव्य रहे कि पॉलिटेक्निक कॉलेज झाबुआ महाविद्यायल प्रबंधन की लापरवाही के कारण अक्सर चर्चाओं में रहा है। यहां छात्रावास में अध्ययनरत छात्रों द्वारा पूर्व में उन्हें समय पर भोजन नहीं मिलने, भोजन की गुणवत्ता तथा तमाम प्रकार की समस्याओं से शासन-प्रशासन को समय-समय पर ज्ञापनों और प्रदर्शनों के माध्यम से भी विरोध किया जा चुका है। ताजा बड़ा मामला यहां रैगिंग का सामने आया है।
पीडि़त छात्रों ने सीएम जिंदाबाद के लगाए नारे
19 सितंबर, सोमवार को सुबह प्रदेश के मुखिया द्वारा भांजों के साथ बदत्तमीजी करने वाले पुलिस अधीक्षक को हटाने एवं बाद उन्हें निलंबित करने की कार्रवाई के पश्चात् पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्रावास के बाहर पीडि़त छात्रों ने ‘‘मुख्यमंत्री जिंदाबाद … जिंदाबाद …’’ के नारे लगाते हुए उनकी इस कार्रवाई को अत्यंत ही स्वागत योग्य बताते हुए प्रसंषा व्यक्त की। साथ ही उन्होंने कहा कि उनके साथ सीनियर छात्रों द्वारा कॉलेज के ही कुछ प्राध्यापकों की शह पर लगातार रैगिंग करने के मामले में भी शासन-प्रशासन संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे और उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाएं।
जांच दल किया गया है गठित
पॉलिटेक्निक कॉलेज के छात्रावास में रैगिंग का मामला सामने आने के बाद वरिष्ठ प्रषासनिक अधिकारियोंं का जांच दल गठित किया गया है। जिनके द्वारा छात्रावास में निवासरत समस्त छात्रों और स्टॉफ से चर्चा कर उनके बयान आदि लेकर रिपोर्ट तैयार करने के बाद जो भी लापरवाह होंगे, उन पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। -सोमेश मिश्रा, कलेक्टर, झाबुआ