अजाक्स सहित कई संगठनों ने कार्यपरिषद सदस्य के खिलाफ खोला मोर्चा
उज्जैन, अग्निपथ। विक्रम विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की बैठक में उप कुलसचिव से कार्यपरिषद सदस्य के सीधे संवाद और उनसे सवाल-जवाब किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सोमवार को अजाक्स सहित करीब आधा दर्जन संगठनों के पदाधिकारियों ने विक्रम विवि परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वाले लोग कार्यपरिषद सदस्य के खिलाफ कार्यवाही करने और उन्हें परिषद से हटाने की मांग करते रहे।
10 सितंबर को विक्रम विवि में आयोजित कार्यपरिषद की बैठक के दौरान परिषद सदस्य सचिन दवे और उप कुलसचिव सुषमा सैय्याम के बीच तीखी बहस हो गई थी। कार्यपरिषद की बैठक में कुछ महीने पहले वकीलों की नियुक्ति का निर्णय लिया गया था लेकिन जिन वकीलों की नियुक्ति हुई थी, उन तक नियुक्ति पत्र ही नहीं पंहुच सके थे।
उप कुलसचिव सुषमा सैय्याम के पास विधि विभाग का चार्ज है लिहाजा उनसे 10 सितंबर की बैठक में इस मुद्दे पर सवाल जवाब किए गए थे। इस घटनाक्रम के बाद उप कुलसचिव ने राज्यपाल, कुलपति सहित अनुसूचित जनजाति आयोग व अन्य जगहों पर शिकायत कर कार्यपरिषद की बैठक में अपमानित किए जाने का आरोप लगाया था।
सोमवार को अजाक्स, युवा अंबेडकर संघ, डा. अंबेडकर विद्यार्थी संगठन, भीम आर्मी सहित अन्य संगठनों के 100 से ज्यादा पदाधिकारी विक्रम विवि के बाहर जमा हुए। इन्होंने विवि प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कुलसचिव डा. प्रशांत पुराणिक विरोध प्रदर्शन करने वालों से ज्ञापन लेने पहुंचे तो उन्हें ज्ञापन देने से मना कर दिया गया।
करीब 2 घंटे के प्रदर्शन के बाद कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय ने विरोध प्रदर्शन करने वालों से बातचीत की। सभी कार्यपरिषद सदस्य सचिन दवे को हटाने की मांग करने लगे। कुलपति ने इन्हें समझाया कि कार्यपरिषद सदस्यों की नियुक्ति राजभवन से होती है, इसमें स्थानीय स्तर पर कुछ नहीं किया जा सकता है।
काफी देर तक विरोध प्रदर्शन करने वालों और कुलपति के बीच बहस होती रही। आखिरकार कुलपति ने उपकुलसचिव की शिकायत को अपनी नोटशीट के साथ जस की तस कुलाधिपति(राज्यपाल) को भेजने का आश्वासन दिया, तब कहीं विरोध प्रदर्शन शांत हुआ।
नोटिस से बचने के लिए बनाया मुद्दा
कार्यपरिषद सदस्य सचिन दवे के मुताबिक विक्रम विवि में वकीलों की नियुक्ति के 8 माह से पत्र नहीं देने पर काम में लापरवाही व कार्य परिषद के निर्णय की अवहेलना करने पर स्पष्टीकरण मांगने पर उप कुलसचिव सुषमा सैयाम ने आदिवासी महिला का मुद्दा बनाया है। उन्हें कर्मचारी के नाते रजिस्ट्रार ने कार्य परिषद के समक्ष अपनी बात रखने के लिए बुलाया था, किंतु वह संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाई थी। पूर्व में भी पुरानी 2 से 3 कार्य परिषद में वकीलों को पत्र नहीं भेजने का कारण उनसे पूछा गया था, जिसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल पाया था।