कबाड़ में पहुंची सरकारी स्कूलों की किताबें

कबाड़ में पहुंची सरकारी स्कूलों की किताबें

महापौर परिषद सदस्य, पार्षद ने करवाई जब्ती, जिला शिक्षा अधिकारी ने पंचनामा बनवाया

उज्जैन, अग्निपथ। ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में बच्चों को पढऩे के लिए शासन द्वारा मुफ्त उपलब्ध कराई गई हजारों किताबें कबाड़ी के यहां पहुंच गई है। जिन शिक्षकों को इन किताबों से बच्चों को पढ़ाना था, उन्होंने ही रद्दी के भाव किताबों का सौदा कर दिया। खास बात यह है कि कबाड़ी तक पहुंची ज्यादातर किताबें चालू शैक्षणिक सत्र की ही है।

नयापुरा के नजदीक चंद का कुआं में एक गली में कबाड़ी ने कई सारी किताबें सूखने के लिए सडक़ पर डाली हुई थी। महापौर परिषद सदस्य रजत मेहता और पार्षद गब्बर भाटी को किसी ने इसकी सूचना दी। शाम करीब 4 बजे दोनों ही मौके पर पहुंचे तो देखा कि सडक़ पर हजारों की संख्या में किताबें फेली हुई थी। कई सारी किताबों के बोरे भी मौके पर पड़े मिले। अधिकांश किताबें राज्य शिक्षा केंद्र की है। राज्यशिक्षा केंद्र द्वारा शासकीय विद्यालयों में बच्चों को पढऩे के लिए इन्हें उपलब्ध कराया जाता है।

मौके पर मिली अधिकांश किताबों की प्रिंट शेक्षणिक सत्र 2022-23 की है। रजत मेहता और गब्बर भाटी ने जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा को फोन पर इसकी जानकारी दी। जिला शिक्षा अधिकारी भी अपने अमले के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने किताबों को जब्त कर लिया है और मौके का पंचनामा बनवाया है।

जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि शुरूआती जांच में यह साफ हो गया है कि शासन द्वारा प्रदत्त किताबों को महिदपुर और घट्टिया विकासखंड के कुछ शासकीय स्कूलों से टीचर्स द्वारा कबाड़ी को बेचा गया है। मामले की विस्तृत जांच की जा रही है। जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि जो भी शिक्षक इस मामले में दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी।

गीली थी, इसलिए बेच दी

एमआईसी सदस्य रजत मेहता और पार्षद गब्बर भाटी द्वारा जिस कबाड़ी के यहां से शासकीय स्कूलों की किताबें जब्त करवाई गई है, उसका नाम शाकिर हुसैन निवासी हम्मालवाड़ी है। शाकिर हुसैन का चंद का कुआं क्षेत्र में गोदाम है। शाकिर ने दोनों को किताबें बेचने वाले महिदपुर क्षेत्र के देवेंद्र नामक एक शिक्षक का मोबाइल नंबर उपलब्ध कराया।

इस मोबाइल पर पार्षद गब्बर भाटी ने बात की। फोन कॉल उठाने वाले शिक्षक का जवाब था कि किताबें गीली हो चुकी थी, इसलिए उन्हें बेच दिया है। ताजा शेक्षणिक सत्र की किताबें बेचने से जुड़े सवाल पर यह शिक्षक सीधे कोई जवाब देने से बचता रहा।

5 से 6 स्कूलों से बेची गई है किताबें

एमआईसी सदस्य रजत मेहता और पार्षद गब्बर भाटी ने बताया कि कबाड़ी के यहां से मिली ताजा शेक्षणिक सत्र की किताबों को घट्टिया और महिदपुर विकासखंड के 5 से 6 स्कूलों से बेचा गया है। दोनों ने ही जिला शिक्षा अधिकारी से दोषी शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की।

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