महाकाल मंदिर से धाकड़ की बिदाई, संदीप सोनी नए प्रशासक

महाकालेश्वर मंदिर shikhar

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन से पहले मंदिर में फेरबदल

उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के अब तक के सबसे विवादास्पद प्रशासक गणेश धाकड़ को राज्य शासन ने प्रशासक पद से हटा दिया है। धाकड़ की जगह अब 2008 बैच के राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अपर कलेक्टर संदीप कुमार सोनी को मंदिर प्रबंध समिति का प्रशासक बनाया गया है।

संदीप कुमार सोनी
संदीप कुमार सोनी

सोनी फिलहाल नगर निगम इंदौर में अपर आयुक्त के रूप में सेवाएं दे रहे है। उन्हें उज्जैन विकास प्राधिकरण में मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) का भी अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। प्रधानमंत्री के आगमन से कुछ दिन पहले मंदिर में हुए इस फेरबदल की राजनैतिक हलको में भी खासी चर्चा है।

बुधवार की शाम सामान्य प्रशासन विभाग के उप सचिव ब्रजेश सक्सेना द्वारा इंदौर नगर निगम अपर आयुक्त संदीप कुमार सोनी को महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति प्रशासक के रूप में पदस्थ करने संबंधी आदेश जारी किए गए। सोनी को तत्काल उज्जैन पहुंचकर ज्वाईनिंग देने को कहा गया है। संदीप सोनी का मूल पद मंदिर प्रबंध समिति प्रशासक का रहेगा लेकिन उनके पास उज्जैन विकास प्राधिकरण सीईओ का भी अतिरिक्त कार्यभार रहेगा।

तिहरे दायित्व से पाठक को मुक्ति

उज्जैन विकास प्राधिकरण में भी सोजान सिंह रावत के स्थानांतरण के बाद से ही सीईओ का पद स्मार्ट सिटी कंपनी सीईओ आशीष पाठक के पास था। आशीष पाठक नगर निगम में अपर आयुक्त, स्मार्ट सिटी कंपनी सीईओ और विकास प्राधिकरण सीईओ का तिहरा दायित्व संभाल रहे थे। संदीप सोनी को प्राधिकरण सीईओ का अतिरिक्त प्रभार सौंपे जाने के बाद उन्हें भी कुछ हद तक राहत मिलेगी और प्राधिकरण के कामकाज में भी तेजी आएगी।

कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया

महाकाल प्रबंध समिति प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ को हटाए जाने पर कांग्रेस की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विवेक गुप्ता ने कहा कि महाकालेश्वर मंदिर में भ्रष्टाचार करने वाले प्रशासक गणेश धाकड़ को सिर्फ हटाने से इतिश्री नहीं हो सकती है। इन्हें बाबा महाकाल ने सजा दी है। इन पर भ्रष्टाचार का मुकदमा भी दर्ज होना चाहिए।

वित्त विभाग से जारी होंगे नई पदस्थापना के आदेश

मंदिर प्रबंध समिति में प्रशासक पद से पहले गणेश धाकड़ के पास निगम में अपर आयुक्त वित्त का प्रभार था। प्रशासक बनने के साथ ही उन्हें नगर निगम से तत्कालीन आयुक्त ने रीलिव कर दिया था, शासन से इसके कोई स्पष्ट आदेश नहीं थे। नगर निगम में अपर आयुक्त वित्त के पद पर अब आदित्य नागर पदस्थ है।

गणेश धाकड़ की अगली पदस्थापना अब कहां होगी, यह उनका नियोक्ता वित्त विभाग तय करेगा। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति प्रशासक के पद पर अपर या ज्वाईंट कलेक्टर रैंक के अधिकारी ही प्रभारी रहते आए है, धाकड़ पहले ऐसे अधिकारी थे जो प्रशासनिक सेवा से नहीं होने के बावजूद मंदिर समिति प्रशासक बनाए गए थे।

कई अच्छे काम कर गए धाकड़

श्री महाकालेश्वर मंदिर में गणेश कुमार धाकड़ को नगर निगम से 13 सितंबर 2018 को नियुक्त किया गया था। 1 वर्ष 7 दिन के कार्यकाल में प्रशासक धाकड़ ने कार्यभार संभाला मंदिर के विकास और आय बढ़ाने के लिए प्रशासक धाकड़ ने रिकॉर्ड तोड़ आय अपने खाते में दर्ज कराई थी। उन्होंने मंदिर के विकास और श्रद्धालुओं की व्यवस्था के अंतर्गत तिलक प्रसाद काउंटर, 1500 रुपए की विशेष दर्शन टिकट कटवा कर गर्भ गृह में श्रद्धालुओं के अभिषेक पूजन की व्यवस्था भी की गई।

इसके साथ ही उन्होंने मंदिर के प्रवेश द्वार पर प्रोटोकॉल प्राप्त श्रद्धालुओं के लिए गर्भ गृह में जाने से पूर्व शोला धोती की व्यवस्था भी शुरू कराई थी जो कि आज तक जारी है और श्रद्धालुओं के पास का पैसा खर्च होने से बच रहा है उन्होंने मंदिर में कर्मचारियों के रोटेशन व्यवस्था को भी दुरुस्त किया और एक साथ कई थोक बंद तबादले भी किए गए।

मंदिर से आखिर क्यों हुई धाकड़ की बिदाई

  • महाकालेश्वर मंदिर में कुछ दिन पहले कर्मचारियों के बीच हुए विवाद में कर्मचारी दो धड़ो में बंट गए थे। कर्मचारियों में कलेक्टर समर्थक और मंदिर समिति प्रशासक समर्थक कर्मचारियों के दो धड़े बन गए थे। इससे मंदिर की साख खराब हुई।
  • सांसद अनिल फिरोजिया भी धाकड़ से नाराज चल रहे थे। कई मौको पर वे अपनी नाराजगी खुले तौर पर जाहिर भी कर चुके थे। आरएसएस के एक धड़े का धाकड़ को समर्थन होने की वजह से उन्हें कई बार मन मारना पड़ा।
  • भाजपा के कई बड़े नेता और जनप्रतिनिधि धाकड़ की कार्यप्रणाली से नाराज थे लेकिन भाजपा के शीर्ष संगठन के कुछ पदाधिकारियों की वजह से वे भी खुलकर कुछ नहीं बोल पा रहे थे। दो दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उज्जैन आए तब उनके सामने भी कुछ नेताओं ने धाकड़ की कार्यप्रणाली को लेकर शिकायत की थी।
  • कलेक्टर आशीष सिंह के साथ गणेश धाकड़ की पटरी कभी नहीं बैठी। यह वजह भी उन्हें मंदिर से हटाने की मुख्य वजह बनी।
  • राष्ट्रपति के आगमन के दौरान महाकालेश्वर मंदिर में साज-सज्जा के लाखों रूपयों के कार्य हुए, इनके टेंडर और भुगतान को लेकर हुए विवाद की वजह से भी मंदिर की साख खराब हुई।
  • भाजयुमो राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या के उज्जैन आगमन के दौरान भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने मंदिर में अराजकता की, 18 कार्यकर्ताओं को भाजयुमो से हटा दिया गया लेकिन व्यवस्था बनवाने के लिए जिम्मेदार मंदिर समिति प्रशासक पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी थी। इसको लेकर भी भाजयुमो कार्यकर्ताओं में आक्रोश था।

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