उज्जैन, अग्निपथ। माकड़ोन नगर पालिका में 6 साल पहले हुए गबन के मामले में पुलिस ने लंबी जांच के बाद तत्कालीन सीएमओ, अध्यक्ष और पांच अन्यों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।
वर्ष 2016 में माकडोन नगर पालिका ने बस स्टेंड के पास 44 दुकानों का निर्माण किया था। जिसके आवंटन की विज्ञप्ति जारी की गई थी। दुकानों के लिये कई लोगों ने अमानत राशि जमा कराई थी, लेकिन आपत्ति के बाद आवंटन निरस्त कर दिया गया था। वही नगर प्रशासन की ओर से अमानत राशि जमा करने वालों को तीन दिन में लौटाने को कहा गया। लेकिन सीएमओ मोहम्मद रफीक मुल्तानी, अध्यक्ष कैलाशचंद्र मालवीय, स्टॉप वेंडर मुकेश परमार ने मिलकर तीन लोगों की राशि 16 लाख का गबन कर लिया।
तीन दिन बाद भी राशि नहीं मिलने पर अनोखीलाल, गायत्रीबाई और अंकित ने जानकारी जुटाई तो पता चला कि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उनकी राशि अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर कर दी है। मामला थाने पहुंचा और जांच शुरू की गई। करीब 6 साल चली जांच के बाद पुलिस ने तत्कालीन सीएमओ मोहम्मद रफीक मुल्तानी, अध्यक्ष कैलाशचंद्र मालवीय, स्टाम्प वेंडर मुकेश परमार, विष्णु राठौर, अंकित आजाद, रामनारायण कुंभकार और रोशनी किंशुक के खिलाफ धारा धोखाधड़ी की धारा 420, 467, 468 में प्रकरण दर्ज कर लिया।
ऐसे की गई अमानत में खयानत
बताया जा रहा है कि नपा के अधिकारियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दुकान आवंटन के लिये अमानत राशि जमा करने वाली गायत्रीदेवी की राशि 5 लाख 17 हजार 250 रुपये रोशनी किंशुक के खाते में ट्रांसफर कर दी। वहीं अनोखीलाल जाटवा की राशि 7 लाख 84 हजार 501 रामनारायण कुंभकार के खाते और अंकित पिता किशनलाल की राशि 2 लाख 93 हजार अंकित आजाद के खाते में जमा करा दी। पूरे मामले का खुलासा अमानत राशि जमा करने वाले तीनों लोगों द्वारा लगाई गई आरटीआई की जानकारी मिलने के बाद हुआ।
बताया जा रहा है कि गबन का पूरा खेल नपा में लेखापाल रहे कुलदीप किंशुक के इशारे पर रचा गया। जो माकड़ोन से स्थानांतरित होने के बाद बडऩगर नपा सीएमओ बन गया था। जिसके निवास पर लोकायुक्त ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में दबिश दी थी।