महिदपुर, अग्निपथ। सरकारी स्कूलों के लिए आई किताबें रद्दी में बेचे जाने के मामले में कलेक्टर ने कड़े कदम उठाये है। इस मामले में महिदपुर जनपद शिक्षा केंद्र के दो अधिकारियों को निलंबित किया है। जबकि केंद्र की लेखापाल और सर्वशिक्षा अभियान के जिला समन्यवयक (डीपीसी) से जवाब तलब किया गया है।
गौरतलब है कि सर्वशिक्षा अभियान के तहत सरकारी स्कूल के बच्चों को किताबें मुफ्त दी जाती है। महिदपुर जनपद शिक्षा केंद्र के लिए भेजी गई ऐसी ही कुछ किताबें बीते दिनों उज्जैन में एक कबाड़ी की दुकान में दिखाई दी थी। जिसका वीडियो वायरल होने पर कलेक्टर आशीष सिंह ने जांच के आदेश दिए थे। जांच में मामला सही पाए जाने पर कलेक्टर ने जनपद शिक्षा केन्द्र महिदपुर के विकास खण्ड अकादमिक समन्वयक (बीएसी) विक्रमसिंह सिसौदिया और विकास खण्ड स्रोत समन्वयक (बीआरसी) रमेश देवड़ा को शासकीय शैक्षणिक किताबें रद्दी में बेचने के मामले में गंभीर लापरवाही के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है।
निलम्बन अवधि में उक्त दोनों कर्मचारियों का मुख्यालय कार्यालय विकास खण्ड स्त्रोत समन्वयक जनपद शिक्षा केन्द्र तराना होगा। वहीं, महिदपुर बीआरसी कार्यालय की लेखापाल (संविदा) कल्पना लकड़ा को लापरवाही पाए जाने पर कारण बताओ सूचना-पत्र जारी किया है। लकड़ा को अपना स्पष्टीकरण अगले तीन दिनों में कलेक्टर के समक्ष उपस्थित होकर प्रस्तुत करना होगा।
डीपीसी से भी जवाब तलब
इसी मामले में सर्वशिक्षा अभियान के जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) आनन्द शर्मा को भी कलेक्टर ने जवाब तलब किया है। कलेक्टर ने शर्मा का अधीनस्थों पर कोई नियंत्रण नहीं होने और पर्यवेक्षण के अभाव के कारण लापरवाहीपूर्वक कृत्य होने पर नोटिस जारी किया है। शर्मा को अपना स्पष्टीकरण अगले तीन दिनों में कलेक्टर के समक्ष उपस्थित होकर प्रस्तुत करना होगा।