शिव की शरण में पहुंचे गृहमंत्री सहित आधा दर्जन से अधिक मंत्री

पांच मंत्री केबिनेट बैठक शुरु होने से पहले ही पहुंच गए थे

उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रधानमंत्री के आगमन से पूर्व प्रदेश केबिनेट की बैठक संपन्न हुई। बैठक में भाग लेने के लिए मंत्रियों का तांता सुबह से ही लगने लगा था। कुछ शिव भक्त मंत्री भगवान महाकाल के दर्शन को सुबह पहुंचे जिसमें गृहमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, गैस पुनर्वास मंत्री आदि शामिल रहे। हालांकि सभी मंत्री समय कम होने के चलते महाकाल लोक का निरीक्षण नहीं कर पाए, लेकिन शंख द्वार से उन्होंने यहां का दृश्य देखा।

मप्र केबिनेट की बैठक दोपहर में शुरू होने के कारण शिव भक्त मंत्रियों के महाकाल दरबार पहुंचने का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो गया था। स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट, प्रभुराम चौधरी सुबह दर्शन को पहुंच गए थे। इसके बाद यशोधरा राजे, विश्वास सारंग और नरोत्तम मिश्रा ने भगवान महाकाल के दरबार में पहुंचकर मत्था टेका और आगामी 11 अक्टूबर को होने वाले महाकाल लोक के शुभारंभ के सफलता की कामना की। बैठक समाप्त होने के बाद ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्रसिंह तोमर, वनमंत्री विजय शाह और उद्यानिका मंत्री रामखिलावन पटेल भी भगवान महाकाल के दर्शन को पहुंचे। दर्शन के पश्चात सभी का सम्मान किया गया।

महाकाल लोक का नहीं कर पाये भ्रमण

जिला प्रशासन ने केबिनेट की बैठक में आने वाले मंत्रियों के महाकाल लोक के भ्रमण की भी व्यवस्था कर रखी थी। लेकिन मुख्यमंत्री के दर्शन को नहीं पहुंचने के चलते महाकाल लोक का भ्रमण नहीं हो पाया। कई मंत्रियों ने उत्सुकतावश शंख द्वार से ही महाकाल लोक को निहार लिया।

सीमित संख्या में पहुंचे सामान्य श्रद्धालु

मंगलवार का दिन होने के कारण आम दिनों की अपेक्षा महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या कम रही। गणपति मंडपम की केवल दो बेरिकेड़स में श्रद्धालु दर्शन करते नजर आए। नवरात्र के चलते भी श्रद्धालुओं का रुख माता दर्शन में होने के कारण भी श्रद्धालुओं की संख्या मंदिर में सीमित हो चली है। यह सिलसिला शनिवार, रविवार और सोमवार को छोडक़र नवरात्र की समाप्ति तक चलता रहेगा।

भीड़ न हो: 1500-250 की टिकट बंद रखी

मंगलवार को सुबह से ही मंदिर प्रशासन ने 1500 रु. की विशेष दर्शन टिकट को बंद कर दिया था। इसके साथ ही 250 रु. शीघ्र दर्शन टिकट को भी बंद रखा गया था ताकि वीवीआईपी दर्शन में किसी प्रकार की कोई अड़चन पैदा न हो सके। हालांकि गर्भगृह से दर्शन को उत्सुक श्रद्धालु टिकट लेने के लिए आते रहे, लेकिन जब उन्होंने टिकट बंद करने और मंत्रियों के काफिले के आने की खबर सुनी तो वापस लौट गये। ज्ञात रहे कि प्रधानमंत्री के आगमन के दौरान श्रद्धालुओं का प्रवेश पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।

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