15 हजार में बनवाई थी विक्रम विश्वविद्यालय की मार्कशीट
उज्जैन,अग्निपथ। नकली मार्कशीट कांड में नया खुलासा हुआ है। मामले में निजी फायनेंस कंपनी में कार्यरत एक और युवक को गिरफ्त में आया है। पुछताछ के बाद चिमनगंज पुलिस ने मुख्य आरोपी के साथ उसे भी मंगलवार को जेल भेज दिया।
पुलिस रिकार्डनुसार संजय नगर निवासी दीपक शाक्य विक्रम विश्व विद्यालय की नकली मार्कशीट बनाता था। पता चलने पर 27 सितंबर को पुलिस ने उसे गिर त में लेकर 26 मार्कशीट जब्त की थी। रिमांड पर पूछताछ में उसने शहीद नगर के शुभम पिता नेमीचंद को मार्कशीट बनाकर देना कबूला था। बताया था कि शुभम उसके द्वारा दी मार्कशीट से ही माईक्रो फायनेंस कंपनी में नौकरी कर रहा है। जानकारी पर एसआई करण कुंवाल ने सोमवार रात शुभम को गिरफ्त में ले लिया। उसकी निशानदेही से मार्कशीट भी जब्त कर पूछताछ की तत्पश्चात पुलिस ने दीपक व शुभम को मंगलवार दोपहर कोर्ट में पेश किया जेल भेज दिया।
असली से नकली मार्कशीट बनाई
दीपक ने पुलिस को बताया कि वह विक्रम विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट है। निजी कंपनियों में ग्रेजुएशन मांगने पर उसे अपनी मार्कशीट से नकली मार्कशीट बनाने का आईडिया आया। वह 10-12 तक पढ़े युवकों को तलाश़ता और 5 से 15 हजार रुपए तक वसूल कर मार्कशीट बना देता था।
बैंकों से मांगा रिकार्ड
एसआई कुंवाल ने बताया कि मामले में पड़ताल जारी है। दीपक से मार्कशीट बनवाकर उसका लाभ लेने वालों का पता लगा रहे है। उसके खातों की जांच के लिए बैंकों को भी पत्र लिखा है। डिटेल मिलने के बाद आगें की कार्रवाई की जाएगी।