महाकाल लोक: भक्तों को समर्पित भोलेबाबा का नया आंगन; प्रधानमंत्री ने किया लोकार्पण

उज्जैन, अग्निपथ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम को जब उज्जैन में ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के नए परिसर महाकाल लोक का लोकार्पण किया, तो चारों ओर जय महाकाल- जय महाकाल के जयघोष की गूंज सुनाई दी। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच रक्षा सूत्र (कलावे) से बनाए गए 15 फीट ऊंचे शिवलिंग की प्रतिकृति से मोदी ने रिमोट के जरिए जैसे ही आवरण हटाया, अध्यात्म का यह नया आंगन सभी के लिए खुल गया।

इससे पहले मोदी ने महाकाल के दर्शन किए और समर्पण के साथ मत्था टेका। महाकाल को चंदन, मोगरे और गुलाब की माला अर्पित कर जनेऊ चढ़ाया। सूखे मेवे और फल का भोग लगाया। दक्षिणा अर्पित की। वे संध्या आरती में भी शामिल हुए। महाकाल के दक्षिण दिशा में बैठकर रुद्राक्ष की माला से 3 मिनट तक जप करते हुए ध्यान लगाया। 30 मिनट तक ई-व्हीकल से महाकाल लोक का अवलोकन किया। प्रधानमंत्री ने ‘श्री महाकाल लोक’ का भ्रमण कर निर्मित कलाकृतियों को देखा। प्रधानमंत्री ने लोकार्पण के पूर्व श्री महाकाल लोक में उपस्थित साधु-सन्तों का अभिवादन किया। मोदी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाकाल लोक में निर्मित भित्ति चित्रों, स्तंभों एवं प्रतिमाओं में वर्णित शिव लीलाओं के सम्बन्ध में विवरण दिया। इस दौरान राज्यपाल मंगुभाई पटेल भी उपस्थित थे।

700 कलाकारों ने दी प्रस्तुति

मोदी ने महाकाल लोक में भगवान शंकर की ध्यानस्थ प्रतिमा, सप्तर्षि मंडल आदि का अवलोकन किया। इसके बाद उन्होंने बैटरी चलित वाहन में बैठ कर 900 मीटर लम्बे ‘श्री महाकाल लोक’ परिसर में निर्मित कलाकृतियाँ देखी। भारत के विभिन्न हिस्सों से आये लगभग 700 कलाकारों ने अपने नृत्य, गीत और अभिनय से भगवान शिव की लीलाओं की प्रस्तुति दी। विप्र समूह ने समवेत स्वरों में सस्वर वेद मंत्रों का पाठ किया। भगवान शंकर की लीलाओं की कलाकृतियों, वैदिक मंत्रोच्चार, कलाकारों की भावपूर्ण प्रस्तुतियों के बीच श्री महाकाल लोक जीवंत हो उठा। भारत सहित दुनिया के 40 देश इस आध्यात्मिक, अलौकिक, अद्वितीय एवं अदभुत अनुभूति के साक्षी बने।

मौली से बने शिवलिंग का अनावरण कर किया लोकार्पण

मौली से बने शिवलिंग का अनावरण कर किया लोकार्पण
  • महाकालेश्वर मंदिर से बाहर निकलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गाडिय़ो का काफिला शाम 7.02 मिनट पर महाकाल लोक में पहुंचा।
  • महाकाल लोक में एक मंच पर देशभर से आए साधु-संत विराजे हुए थे। प्रधानमंत्री ने यहां सबसे पहले साधु-संतो को नमन किया और इसके तत्काल बाद बटन दबाकर सूत की मौली(कलावा) से बने 11 फिट उंचे शिवलिंग का अनावरण कर महाकाल लोक का लोकार्पण किया।
  • इसके बाद करीब 10 मिनिट तक प्रधानमंत्री पैदल ही महाकाल लोक में घूमते रहे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उन्हें महाकाल लोक में लगी प्रतिमाओं की जानकारी देते रहे।
  • शाम 7.14 बजे प्रधानमंत्री गोल्फ कार्ट में बैठे और इसके बाद महाकाल लोक का भ्रमण किया। प्रधानमंत्री की महाकाल लोक में मौजूदगी के दौरान करीब 700 लोक कलाकार नृत्य-संगीत की अपनी कला का प्रदर्शन करते रहे।
  • सभी कलाकार देश के अलग-अलग हिस्सों से प्रस्तुतियों के लिए आमंत्रित किए गए थे।
  • गोल्फ कार्ट में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल मंगूभाई पटेल पीछे बैठे हुए थे।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मलखंभ का प्रदर्शन देखने के लिए एक जगह कार्ट रूकवाई, कुछ देर यहीं रूककर प्रदर्शन को देखा।
  • गोल्फ कार्ट में सवार होकर ही वे मुख्यमंत्री और राज्यपाल के साथ भारत माता मंदिर तक पहुंचे।

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33 मिनट गर्भगृह में रहे पीएम मोदी, 21 मिनट पूजा

  • महाकालेश्वर मंदिर परिसर में पहुंचने के बाद शाम ठीक 6.04 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंदिर में प्रवेश किया। प्रधानमंत्री ने सफेद रंग का शोला ओढा हुआ था।
  • मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और राज्यपाल मंगूभाई पटेल प्रधानमंत्री के साथ नंदी हॉल तक पहुंचे।
  • मुख्यमंत्री, नागरिक उड्ड़यन मंत्री और राज्यपाल तीनों नंदी हॉल में ही बैठ गए और प्रधानमंत्री अकेले गर्भगृह में पूजन करने पहुंचे। यहां मंदिर के मुख्य पुजारी प. घनश्याम पुजारी ने पूजन विधि सम्पन्न कराई।
  • प्रधानमंत्री करीब शाम 6.05 बजे से लेकर 6.23 बजे तक महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में प्रधानमंत्री ने पूजन किया। इसके बाद वे ज्योर्तिलिंग के पिछे जाकर बैठ गए और यहां करीब 11 मिनिट तक बैठकर ध्यान लगाया और गले से रूद्राक्ष की माला निकालकर उसे फेरने लगे।
  • गर्भगृह से बाहर निकलकर प्रधानमंत्री ने नंदी प्रतिमा के पास फिर से बैठकर ध्यान किया। यहां वे करीब 2 मिनिट तक बैठे रहे।

एक नजर महाकाल लोक पर

  • महाकालेश्वर कॉरिडोर की कुल लंबाई 946 मीटर है, यह कॉरिडोर फिलहाल देश के किसी भी मंदिर में सबसे बड़ा कॉरिडोर है और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से भी तीन गुना बड़ा है।
  • इस कॉरिडोर में राजस्थानी बलुआ पत्थर से 108 स्तंभ बनाए गए है।
  • भगवान शिव की विभिन्न लीलाओं को प्रस्तुत करती 18 फिट उंचाई की 8 प्रतिमाएं स्थापित है।
  • इसके अलावा 15 फिट उंचाई की 23 और 11 फिट उंचाई की 17 प्रतिमाएं स्थापित की गई है।
  • खास बात यह है कि महाकाल लोक कॉरिडोर में बने नाईट गार्डन में उर्जा की जितनी खपत होगी, उसकी 80 प्रतिशत उर्जा यहीं उत्पादित की जाएगी। यहां 450 किलो वॉट का सौर उर्जा प्रोजेक्ट लगाया गया है।
  • महाकाल लोक का समूचा परिसर 20.25 हेक्टेयर क्षेत्र में फेला है। यहां भगवान शिव के 8 रूपों के दर्शन के साथ शिव पुराण में वर्णित कथाओं के म्यूरल बने है।
  • पूरे परिसर में छोटी-बड़ी सभी मिलाकर लगभग 200 प्रतिमाएं है।
  • महाकाल मंदिर परिसर विस्तार और सौंदर्यीकरण की पूरी योजना 856 करोड़ रूपए है।
  • महाकाल लोक के पहले चरण में 316 करोड़ रूपए की लागत से निर्माण व सौंदर्यीकरण के कार्य किए गए है।

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