आमसभा में हर हर महादेव और जय श्री महाकाल के नारों के साथ प्रधानमंत्री ने शुरू किया अपना उदबोधन
महाकाल महादेव, महाकाल महाप्रभु, महाकाल महारुद्र, महाकाल नमोस्तुते। उज्जैन की यह ऊर्जा, यह उत्साह, अवंतिका की यह आभा, यह अद्भुतता, यह आनंद, महाकाल की यह महिमा, महाकाल लोक में लौकिक कुछ भी नहीं। शंकर के सान्निध्य में साधारण कुछ भी नहीं। सब कुछ अलौकिक है। असाधारण है। अविस्मरणीय है। महाकाल का आशीर्वाद जब मिलता है, तो काल की रेखाएं मिट जाती हैं। हमारे ज्योतिर्लिंगों का विकास भारतीय संस्कृति का विकास है। भला ऐसे कैसे हो सकता है कि महाकाल बुलाएं और ये बेटा न आए।
-प्रधानमंत्री
उज्जैन, अग्निपथ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार की शाम 316 करोड़ रुपए की लागत से बने भव्य महाकाल लोक का लोकार्पण किया है। महाकाल लोक लोकार्पण के लिए उज्जैन आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 4 घंटे शहर में बिताए। वे शाम 5 बजे उज्जैन पहुंच गए थे, पहले से तय समय से करीब 1 घंटे अधिक प्रधानमंत्री उज्जैन में रहे। महाकाल लोक लोकार्पण के अवसर पर उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनकी पूरी सरकार की खुले दिल से प्रशंसा की। कार्तिक मेला मैदान मंच पर आयोजित आमसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शंकर के सानिध्य में साधारण कुछ भी नहीं होता है, महाकाल लोक का निर्माण भी असाधारण है।
रात लगभग 8 बजे कार्तिक मेला मैदान में बने मंच पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करीब 27 मिनिट तक उद्बोधन दिया। उनका भाषण 8 बजे महाकाल के जयघोष के साथ शुरू होकर 8.2७ पर महाकाल के जयघोष के साथ ही खत्म हुआ। उन्होंने अपने उद्बोधन की शुरूआत हर-हर महादेव और जय श्री महाकाल के उद्घोष के साथ की।
महाकाल के सान्निध्य में समाप्त हो जाती है समय की सीमा
आमसभा में प्रधानमंत्री ने कहा कि महाकाल के सानिध्य में समय की सीमाएं मिट जाती है। यहां की आलौकिकता यहां की दिव्यता आने वाली कई पीढिय़ों को अध्यात्म की शक्ति के दर्शन कराएगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि उज्जैन न केवल भारत के केंद्र में स्थित बल्कि ज्योतिष कालगणना का केंद्र होने के साथ ही यह स्थान भारत की आत्मा का भी केंद्र रहा है।
देश की पवित्र सप्तपुरियों में शामिल है उज्जैन
उज्जैन को देश की पवित्र सप्तपुरियों में स्थान मिला है। यहां भगवान श्रीकृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की, महाराजा विक्रमादित्य का इस नगरी ने प्रताप देखा है जिन्होंने विक्रम संवत के रूप में भारतीय काल गणना का केंद्र उज्जैन को बनाया। यहां के कण-कण में अध्यात्म समाया है और कोने-कोने में ईश्वरीय उर्जा का संचारित होती है।
महाकवि की रचनाओं में मिलता है उज्जैन का वैभव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे ऋषियों ने पूरे ब्रह्मंड की उर्जा को प्रतीक स्वरूप में उज्जैन में स्थापित किया हुआ है। उज्जैन के वैभव का वर्णन महाकवि कालिदास, बाणभट्ट और मध्य काल के भी कई लेखकों की $कृतियों में मिलता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां महाकाल है वहां कालखंडो की सीमाएं नहीं है।
विश्व का मार्ग प्रशस्त करेगी भारत की आध्यात्मिकता
अपने उद्बोधन में प्रधानमंत्री ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण, भगवान सोमनाथ के कॉरिडोर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, केदारनाथ-बद्रीनाथ धाम में हो रहे विकासकार्यो, चारों धाम में बन रहे रहे ऑल वेदर रोड़ और करतारपुर साहिब कॉरिडोर के निर्माण का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत की अध्यात्मिक उर्जा आने वाले समय में न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व को, पूरी मानवता का मार्ग प्रशस्त करेगी।
शाम 7.40 बजे कार्तिक मेला मैदान पहुंचे मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल लोक का लोकार्पण करने के उपरांत शाम 7.40 बजे कार्तिक मेला मैदान स्थित आमसभा स्थल पर पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें मालवी साफा पहनाकर स्वागत किया। मंच पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नंदी द्वार की प्रतिकृति भेंट की, इसके तत्काल बाद प्रधानमंत्री व अन्य अतिथियों की उपस्थिति में कैलाश खेर ने महाकाल गान की प्रस्तुति दी।
84 महादेव और अष्ट मातृकाओं का भी जिक्र
- उज्जैन में कालचक्र के 84 कल्पों का प्रतिनिधित्व करते 84 महादेव, 4 महावीर, 6 विनायक, 8 भैरव, अष्ट मातृकाएं, 9 ग्रह, 10 विष्णु, 11 रूद्र, 12 आदित्य, 24 देवियां और 88 तीर्थ हैं। इन सब के केंद्र में कालाधिराज श्री महाकाल विराजमान हैं।
- आज जब हम उत्तर से दक्षिण तक, पूरब से पश्चिम तक अपने प्राचीन मंदिरों को देखते हैं तो उनकी विशालता, उनका वास्तु हमें आश्चर्य से भर देता है।
- आजादी के बाद पहली बार चार धाम प्रोजेक्ट के जरिए हमारे चारों धाम ऑल वेदर रोड से जुडऩे जा रहे हैं। इतना ही नहीं आजादी के बाद पहली बार करतारपुर साहिब कॉरिडोर खुला है। आज अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण पूरी गति से हो रहा है। काशी में श्री विश्वनाथ जी धाम भारत की सांस्कृतिक राजधानी का गौरव बढ़ा रहा है। श्री सोमनाथ जी में विकास के कार्य नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं।
- हमारे पूरे ब्रह्मांड की ऊर्जा को हमारे ऋषियों ने प्रतीक स्वरूप में उज्जैन में स्थापित किया था, इसलिए उज्जैन ने हजारों वर्षों तक भारत की संपन्नता और समृद्धि का, ज्ञान और गरिमा का, सभ्यता और साहित्य का नेतृत्व किया।
- उज्जैन वह नगर है, जो हमारी पवित्र सात पुरियों में से एक गिना जाता है। यह वह नगर है, जहां स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने आकर शिक्षा ग्रहण की थी। उज्जैन ने महाराजा विक्रमादित्य का वह प्रताप देखा है, जिसने भारत के नए स्वर्णकाल की शुरुआत की थी।
- उज्जैन के क्षण-क्षण और पल-पल में इतिहास सिमटा हुआ है। कण-कण में अध्यात्म समाया हुआ है। संपूर्ण ब्रह्मांड की ऊर्जा को हमारे ऋषियों ने प्रतीक स्वरूप में उज्जैन में समाहित किया है।
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, आज प्रधानमंत्री ने महाकाल लोक का लोकार्पण किया। हम सभी गदगद हैं। भारत अत्यंत प्राचीन व महान राष्ट्र है। 5 हजार साल से ज्यादा तो ज्ञात इतिहास है हमारा। दुनिया के विकसित देशों में जब सभ्यता के सूर्य का उदय नहीं हुआ था, तब हमारे यहां वेदों की ऋचाएं रच दी गई थीं।
हेलिकॉप्टर से ही हुई रवानगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रात 8.30 बजे के लगभग हेलिकॉप्टर से ही उज्जैन से इंदौर के लिए रवाना हुए। उनके उज्जैन से इंदौर तक जाने के लिए इंदौर रोड को भी पूरी तरह से तैयार किया गया था। शाम से ही इंदौर रोड पर ट्रेफिक भी बंद था। हालांकि पुलिस लाईन हेलिपेड पर नाईट टेक ऑफ फेसिलिटी तैयार करने के बाद वायु सेना के हेलिकॉप्टर के जरिए ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंदौर एयरपोर्ट तक पहुंचे और यहां से वायु सेना के विशेष विमान से राजधानी नईदिल्ली के लिए रवाना हुए।