उज्जैन, अग्निपथ। भगवान महाकालेश्वर मंदिर के विस्तारित स्थल महाकाल लोक को बुधवार सुबह आम जनता के लिए खोल दिया गया है। अधिकारियों ने पहले तय किया था कि महाकाल लोक को 14 अक्टूबर के दिन से आम दर्शनार्थियों के लिए खोला जाएगा लेकिन देर रात ही मुख्यमंत्री ने सुबह से ही दर्शनार्थियों को इसमें प्रवेश की इजाजत दे दी।
ज्योर्तिलिंग महाकालेश्वर मंदिर के पिछले हिस्से में बने महाकाल लोक का लोकार्पण हुए महज चंद ही घंटे बीते थे कि बुधवार सुबह इसे आम लोगों के लिए खोल दिया गया। बड़ी संख्या में दर्शनार्थी यहां पहुंचे। महाकाल लोक में लगी मूर्तियों के दर्शन किए, शिव लीला की कहानियों को जाना, मोबाइल फोन से फोटोग्राफ्स लिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रात लगभग 9 बजे उज्जैन से प्रस्थान के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दोबारा महाकाल लोक पहुंचे थे।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साधु-संतो व प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक बार फिर से महाकाल लोक का भ्रमण किया। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर से पूछा कि इसे आम दर्शनार्थियों के लिए कब से खोलेंगे, जवाब मिला- सर, 14 अक्टूबर से। मुख्यमंत्री ने तत्काल कहा- 14 से क्यों, कल सुबह से ही इसे आम दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया जाए। फिर क्या था, सुबह होते ही मुख्यमंत्री के आदेश पर अमल शुरू हो गया।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लोकार्पित किए गए महाकालेश्वर कॉरिडोर की कुल लंबाई 946 मीटर है, यह कॉरिडोर फिलहाल देश के किसी भी मंदिर में सबसे बड़ा कॉरिडोर है और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से भी तीन गुना बड़ा है। इस कॉरिडोर में राजस्थानी बलुआ पत्थर से 108 स्तंभ बनाए गए है। भगवान शिव की विभिन्न लीलाओं को प्रस्तुत करती 18 फिट उंचाई की 8 प्रतिमाएं स्थापित है।
इसके अलावा 15 फिट उंचाई की 23 और 11 फिट उंचाई की 17 प्रतिमाएं स्थापित की गई है। खास बात यह है कि महाकाल लोक कॉरिडोर में बने नाईट गार्डन में उर्जा की जितनी खपत होगी, उसकी 80 प्रतिशत उर्जा यहीं उत्पादित की जाएगी।
यहां 450 किलो वॉट का सौर उर्जा प्रोजेक्ट लगाया गया है। महाकाल लोक का समूचा परिसर 20.25 हेक्टेयर क्षेत्र में फेला है। यहां भगवान शिव के 8 रूपों के दर्शन के साथ शिव पुराण में वर्णित कथाओं के म्यूरल बने है।
पूरे परिसर में छोटी-बड़ी सभी मिलाकर लगभग 200 प्रतिमाएं है। महाकाल मंदिर परिसर विस्तार और सौंदर्यीकरण की पूरी योजना 856 करोड़ रूपए है। महाकाल लोक के पहले चरण में 316 करोड़ रूपए की लागत से निर्माण व सौंदर्यीकरण के कार्य किए गए है।