बैंक की लापरवाही से निजात के लिए बेगुनाह किसान काट रहा है बैंक के चक्कर
उन्हेल, अग्निपथ। कागज के चक्कर में कितने लोग उलझे हुए हैं उसकी संख्या तो आंकी नहीं जा सकती पर पीडि़त जब अपनी पीड़ा बयान करता है तो उसका रहस्योद्घाटन हो जाता है। ऐसा ही मामला दैनिक अग्निपथ के सामने आया जिसमें बकायेदार से वसूली का आदेश कागजों में रह गया लेकिन खाता ईमानदार किसान का सीज हो गया।
मध्यप्रदेश प्रश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी नागदा के अधीन पिपलोदा बागला कार्यालय के ग्राम चंबल पाड़लिया निवासी राजेंद्र सिंह पिता भैरव सिंह के बिजली बिल के 13 हजार 586 रुपए बकाया थे। संबंधित इसका भुगतान नहीं करने पर बिजली कंपनी ने इस किसान के खिलाफ वसूली को लेकर बिजली कंपनी की न्यायालय के पीठासीन अधिकारी सौरव गोस्वामी पदेन तहसीलदार ने 19 सितंबर को (पत्र क्रमांक 353) संबंधित का बैंक खाता सीज करने का आदेश जारी किया।
बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा उन्हेल को भेजे आदेश का बैंक ने पालन तो किया लेकिन राजेंद्र सिंह पिता भेरू सिंह के खाते की जगह बैंक ने खाता राजेंद्रसिंह पिता तेजसिंह निवासी चंबल पाड़लिया का कर दिया। अब कई समय से पीडि़त राजेंद्रसिंह पिता तेज सिंह बैंक के चक्कर लगा रहा है।
बैंक व बिजली कंपनी में पिपलोदा बागला कार्यालय पर कोई अधिकारी नहीं होने के कारण पीडि़त को संतोषजनक जवाब भी नहीं दिया जा रहा है। उधर गेहूं और चने की फसल के लिए संबंधित किसान का खेत और दीपावली मनाने के लिए संबंधित पीडि़त किसान के पास में पैसा नहीं होने के कारण कभी किसान बैंक चक्कर लगाता है तो कभी बिजली कंपनी के। ईमानदार राजेंद्रसिंह तेजसिंह को कब न्याय मिलेगा यह सब कुछ कागजी गफलत में किसान दुखी हो चुका है।
इनका कहना
- आपके माध्यम से गड़बड़ी का मामला संज्ञान में लाया गया है। इस समस्या का समाधान गुरुवार को कर दिया जाएगा। – केतन रायपुरिया, डीई बिजली कंपनी, नागदा