नगर निगम के कार्यपालन यंत्री और अधीक्षण यंत्री का कारनामा, लोकायुक्त ने शुरू की जांच
उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम उज्जैन के इंजीनियरों की कई तरह की करामात अक्सर चर्चाओं में रहती है। निगम के अधीक्षण यंत्री और कार्यपालन यंत्री की हाल ही में एक नई कारामात सामने आई है। इन दोनों ही अधिकारियों ने नानाखेड़ा इलाके में तीन ऐसे भवनों के लिए निर्माण अनुमति जारी कर दी है जो कॉलोनी के स्वीकृत नक्शे में है ही नहीं। शासकीय जमीन पर निर्माण के लिए भवन अनुज्ञा जारी कर दी है। प्रकरण से जुड़ी एक तथ्यात्मक शिकायत के बाद लोकायुक्त ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
सरकारी जमीन पर भवन निर्माण की अनुज्ञा जारी करने का यह प्रकरण नानाखेड़ा में गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लि. के कार्यालय के पीछे बनी मालविकाधाम कॉलोनी का है। इस कॉलोनी में तीन मकानों के लिए 19 मई 2022 को नगर निगम के अधीक्षण यंत्री गोपाल कृष्ण कंठिल और कार्यपालन यंत्री लीलाधर दोराया द्वारा भवन अनुज्ञा जारी की गई।
तीनों ही भवन अनुज्ञा ऐसे स्थानों के लिए जारी हुई जो मालविका धाम के लिए ग्राम तथा नगर निवेश विभाग से जारी किए गए स्वीकृत नक्शे में मौजूद ही नहीं है। मालविका धाम के नाम पर सरकारी जमीन पर मकानों का नक्शा स्वीकृत कर देने के मामले में पिछले दिनों लोकायुक्त को एक शिकायत की गई थी।
इसी शिकायत के आधार पर लोकायुक्त विधि सलाहकार अवधेश कुमार गुप्ता की ओर से नगर निगम आयुक्त से जांच प्रतिवेदन मांगा गया था। सामान्य प्रशासन विभाग के प्रभारी अपर आयुक्त मामले की जांच कर रहे है। 23 सितंबर तक यह जांच प्रतिवेदन लोकायुक्त को भेजा जाना था।
एक नजर घटनाक्रम पर
- नानाखेड़ा इलाके में मालवा गृह निर्माण सहकारी संस्था द्वारा मालविका धाम कॉलोनी का निर्माण किया गया है।
- जोन क्रमांक 6 के वार्ड नंबर 48 की इस कॉलोनी में तीन मकानों के लिए 19 मई 2022 को तीन भवन निर्माण अनुज्ञा नगर निगम से जारी की गई है।
- तीनों ही भवन अनुज्ञा बालकृष्ण बंसल पिता हरिवल्लभ बंसल के नाम से एक साथ एक ही दिन में जारी हुई है।
- भवन निर्माण अनुज्ञा में भूखंड का क्रमांक 185, 184 और 140 दर्शाया गया है, जबकि ग्राम तथा नगर निवेश विभाग ने मालविका धाम को जो नक्शा स्वीकृत किया हुआ है, उसमें ये प्लॉट है ही नहीं।
- प्लॉट पर जो नंबर अंकित कर भवन निर्माण अनुज्ञा जारी की गई, वे सरकारी भूमि पर है। ऑनलाईन बिल्डिंग परमिशन की साईट से प्राप्त जानकारी से भी इसकी पुष्टि हो रही है।
- तीनों ही भवन निर्माण अनुज्ञा जारी करने से पहले 4 मई 2022 उपयंत्री राजकुमार राठौर ने भी अपनी रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख किया है कि प्लॉट कॉलोनी में शो नहीं हो रहे है।
- इसके बावजूद नगर निगम के अधीक्षण यंत्री गोपाल कृष्ण कंठिल और कार्यपालन यंत्री लीलाधर दोराया ने बिल्डर से शपथ पत्र लेकर 24 मार्च 2022 को इन्हें स्वीकृति प्रदान कर दी।
- लोकायुक्त को की गई शिकायत में यह भी उल्लेख है कि भूमि विकास नियम 2012 के नियम 26 के मुताबिक भवन अधिकारी की न्यूनतम शेक्षणिक योग्यता बीई अथवा बी.आर्च होना आवश्यक है, इसके ठीक विपरीत लीलाधर दोराया के पास दोनों ही डिग्रिया नहीं होने के बावजूद उन्हें उज्जैन नगर निगम में कार्यपालन यंत्री का प्रभार दिया हुआ है।
लोकायुक्त का यदि कोई पत्र आया है तो वह कार्यालय में आया होगा। मुंझे इस पूरे प्रकरण की कोई जानकारी नहीं है। यदि कार्यालय में या आयुक्त महोदय के पास कोई पत्र आया है तो उसकी जानकारी कार्यालय या संबंधित अधिकारी के पास ही होगी।
– लीलाधर दोराया, कार्यपालन यंत्री