बहन ने सुपारी देकर प्रेमी से कराई भाई की हत्या

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माकड़ोन में हुई युवक की हत्या का खुलासा

उज्जैन, अग्निपथ। माकड़ोन में हत्या कर फेंकी गई युवक की लाश का सोमवार को सनसनीखेज खुलासा हो गया। युवक की बहन हत्या की मास्टर माइंड निकली। प्रेमी को सुपारी देकर कत्ल करवाया गया था। पुलिस ने युवती को जेल भेजकर हत्या करने वाले चार आरोपियों को रिमांड पर लिया है।

14 अक्टूबर की सुबह माकड़ोन के ग्राम चिरडी में गला कटी युवक की लाश मिलने से सनसनी फैल गई थी। पुलिस ने जांच शुरु की तो सामने आया कि रात में घटनास्थल से कुछ दूरी पर कार दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। पुलिस को इस दौरान लाश घीसकर लाने के निशान मिले।

कार की तलाश करने पर सामने आया कि डाबड़ा राजपूत के रहने वाले गुलाबसिंह की है। जो एसएफ जवान है। सुराग मिलते ही एसएफ जवान के पुत्र दीपक (24) को हिरासत में लिया गया। जिसने अपने दोस्त अखिलेश पिता भरतसिंह चौहान (26), रिषी पिता राजेश सिसौदिया (20) निवासी ऋषिनगर और बैतूल से आए छोटू उर्फ शरद पिता शोभाराम कोरकू (27) साल के साथ हत्या करना कबूल कर लिया।

चारों के हिरासत में आते ही सामने आया कि अखिलेश मृतक मोनू उर्फ प्रशांत वर्मा की बहन का प्रिया वर्मा का दोस्त है। बहन ने 2 लाख की सुपारी देकर भाई की हत्या का षडयंत्र रचा था। प्लानिंग के तहत छोटू बैतूल से मोनू को अपने साथ उज्जैन लेकर आया था। जहां दीपक की कार में सभी शांतिपैलेस के यहां से सवार हुए। मोनू को शराब पिलाई गई और कार में ही ब्लेड़ से गला काट दिया गया।

चारों उसके शव को ठिकाने लगाने आगर की ओर जाने वाले थे। लेकिन माकड़ोन से गुजरते वक्त ग्राम चिरड़ी में कार पलटी खा गई। दुर्घटना होने पर गांव वालों को आता देख मोनू की लाश समीप जंगल में फेंक दी और कार को ग्रामीणों की मदद से खंती से निकला परिचित के यहां खड़ी कर चले गये।

55 हजार रुपये दे चुकी थी बहन

एएसपी आकाश भूरिया ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि प्रिया ने डेढ़-दो माह पहले ही भाई की हत्या का षडयंत्र रच लिया था। बहन इंदौर में रहती थी, लेकिन बैतूल लौटने पर भाई मोनू ने उसे घर में नहीं आने दिया।

मोनू बदमाश प्रवृति का था और मां के साथ पैसों को लेकर मारपीट करता था। जिसके चलते बहन ने भाई की हत्या की सुपारी दोस्त अखिलेश को दी। 55 हजार रुपये दे चुकी थी, बाकी काम होने के बाद देना तय किया गया था। उसने योजना बनाकर भाई मोनू को उसके ही दोस्त छोटू के साथ उज्जैन तक भेजा था।

पिता के साथ आई थी उज्जैन

माकडोन थाना प्रभारी अशोक शर्मा ने बताया कि मृतक की पहचान होने के बाद बहन और उसके पिता रविवार को जिला अस्पताल पहुंचे थे। हत्या में शामिल रहे उज्जैन के तीन आरोपियों के गिरफ्त में आने से राज खुल चुका था, लेकिन पुलिस ने बहन को जरा भी संदेह नहीं होने दिया।

पोस्टमार्टम के बाद शव सौंपा गया। जब वह बॉडी बैतूल ले जाने के लिये तैयार हुए तो बहन को हिरासत में ले लिया गया। मृतक के साथ आया दोस्त बैतूल लौट चुका था, जिसकी गिर तारी के लिये टीम रवाना की गई और उसे भी उज्जैन लाया गया। हत्या में प्रयुक्त कार जब्त की गई है।

लाश को जलाने की थी योजना

दुर्घटनाग्रस्त कार बरामद होने के बाद उसने से पेट्रोल की केन बरामद हुई थी। हत्या करने वालों को गिरफ्तार करने पर पूछताछ पता चला कि मोनू को मारने के बाद उसका शव किसी दूर क्षेत्र में ले जाकर जलाने की योजना था। जिसके चलते पेट्रोल की केन साथ लेकर गये थे। गला काटने के बाद उसके सिर पर हथौड़ी से वार भी किया था, कार के दुर्घटनाग्रस्त होने पर ग्रामीणों के आने पर शव जला नहीं पाए थे।

टीम को किया जाएगा पुरस्कृत

एएसपी आकाश भूरिया ने बताया कि 2 दिन में मृतक की पहचान कर हत्या का खुलासा करने में शामिल रहे थाना प्रभारी अशोक शर्मा, एसआई शांतिलाल मोर्य, जुबेदा शेख, फाल्गुनी पाल, एचएस मेवाडा, एएसआई अजय कुमार माथुर, चंद्रबहादूर सिंह भदौरिया, प्रधान आरक्षक मनोहर जाटवा, आरक्षक कृपाशंकर, राममूर्ति, पवन शर्मा, ललित राठौर सहित सायबर सेल प्रभारी एसआई प्रतीक यादव ओर उनकी टीम की भूमिका रही। जिन्हे एसपी की ओर से 5 हजार का पुरुस्कार दिया जाएगा। आईजी  से 30 हजार का इनाम दिये जाने की अनुशंसा की जाएगी।

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