महाकाल दर्शन को असम से आये धर्मालुओं से आनलाइन ठगी

धर्मशाला बुकिंग के नाम पर 1400 रुपये जमा कराने के बाद फिर से 9 हजार जमा करवाने को कहा, बुकिंग भी नहीं दी

उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल दर्शन को आ रहे श्रद्धालुओं से रहने ठहरने के नाम पर भी ठगी का गेम चल रहा है। यह ठगी आनलाइन की जा रही है। हालांकि ठगने वाले श्रद्धालु इसकी शिकायत पुलिस में करने से बच रहे हैं। लेकिन ठगाने के बाद उनका मन खिन्न हो रहा है। ऐसा ही एक मामला असम में रहने वाले श्रद्धालुओं के साथ 14 अक्टूबर को बुकिंग के नाम पर किया गया।

गुवहाटी के रहने वाली लिपी चक्रवर्ती ने उज्जैन में 14 और 15 अक्टूबर को अपने माता पिता और बच्ची इस तरह से 4 लोगों के लिये गूगल पर सर्च कर मोदी की गली में स्थित अग्रवाल भवन (धर्मशाला) के कांटेक्ट नंबर 8293389241 पर संपर्क किया। यहां पर उनको क्यूआर कोड स्कैन करने और 1400 रुपये जमा करने को कहा गया। लिपी चक्रवर्ती ने स्कैन करने के बाद रुपये खाते में डाल दिया और मोबाइल पर ओके का चिह्न भी आ गया। लेकिन फिर से इसके द्वारा इसी नंबर पर संपर्क किया गया तो वहां से कहा गया कि पैसे उनके खाते में ट्रांसफर नहीं हुए हैं। बीतचीत में उनसे फिर से 9 हजार रुपये आनलाइन जमा करवाने को कहा गया।

फिर नहीं डाले श्रद्धालुओं ने रुपये

एक बार अपने साथ धोखा होने के बाद लिपी चक्रवर्ती ने 9 हजार रुपये नहीं डाले और भगवान महाकाल के दर्शन के लिये उज्जैन पहुंच गईं। यहां पर एक आटो रिक्शा वाले ने उनको महाकाल मंदिर के पास स्थित एक होटल में पहुंचा दिया। इसके बाद पूरे परिवार वाले 17 अक्टूबर को भगवान महाकाल के दर्शन को पहुंचे। यहां पर उनकी भेंट संवाददाता से हो गई। उन्होंने अपने साथ हुई पूरी घटना से अवगत कराया। हालांकि उन्होंने बाहर का होने से मामले में एफआईआर करवाने से इंकार कर दिया।

घटना से खिन्न हो गया मन

लिपी चक्रवर्ती और उनके पिता प्रनव चक्रवर्ती ने बताया कि भगवान महाकाल के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं के साथ इस तरह की आनलाइन ठगी हो रही है। इससे हमारा मन खिन्न हो गया था। इसके बावजूद भगवान महाकाल के दर्शन की इच्छा थी तो उज्जैन आ गये। इस तरह की कई वेबसाइट महाकाल दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं से ठगी कर रही हैं। भगवान महाकाल के दर्शन करने के बाद उनको अच्छा लगा है।

अग्रवाल धर्मशाला सही, नंबर फर्जी

इधर गूगल पर सर्च कर अग्रवाल धर्मशाला के नाम से गौरखधंधा कर रहे इस शख्स के नंबर पर संवाददाता ने फोन किया और लिपी चक्रवर्ती के साथ हुई घटना से अवगत कराया तो उसने कहा कि आप आ जायें….चैक कर लेंगे। उसने अपना नाम स्वामी शिवानंद बताया। इधर प्रनव चक्रवर्ती ने फोन पर संवाददाता को बताया कि इस नंबर के झांसे में आकर उनके कई परिचित भी अपना पैसा गंवा चुके हैं। अग्रवाल धर्मशाला का पता और काम तो सही है लेकिन यह नंबर किसी फ्राड व्यक्ति का है। इसने कई लोगों को इसी तरह से ठगा है। गूगल पर अग्रवाल धर्मशाला के नाम से कोई अन्य व्यक्ति ठगी कर रहा है।

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