पिछली बार के मुकाबले गिर गई ग्रेड
उज्जैन, अग्निपथ। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की राष्ट्रीय मूल्याकंन एवं प्रत्यायन परिषद(नैक) के दल ने विक्रम विश्वविद्यालय को झटका दे दिया है। पिछली बार के मुकाबले विक्रम विश्वविद्यालय की ग्रेड का स्तर नीचे गिर गया है, ये हालात तब है जब विक्रम विश्वविद्यालय में 200 से ज्यादा नए कोर्स शुरू किए गए है और इन्हीं के बूते पर विश्वविद्यालय अपनी ब्रांडिंग में लगा है।
नैक के दल ने लगातार तीन दिन उज्जैन में रहकर विक्रम विश्वविद्यालय का बारिकी से निरीक्षण किया। दल के निरीक्षण के उपरांत मंगलवार को विक्रम विश्वविद्यालय को बी प्लस प्लस ग्रेड प्रदान किया गया। पिछली बार साल 2017 में विक्रम विश्वविद्यालय में नैक द्वारा निरीक्षण किया गया था। तब विश्वविद्यालय को ए ग्रेड हांसिल हुई थी। पिछले लगभग 3 महीने से पूरा विश्वविद्यालय प्रशासन और यहां का स्टाफ नैक टीम के दौरे की तैयारी में जुटा था। सभी को उम्मीद थी कि इस बार ग्रेड में पिछली बार क मुकाबले अधिक बेहतर रिजल्ट आएंगे लेकिन हुआ इसके उलट। विश्वविद्यालय पिछले बार के स्तर से भी नीचे चला गया। पिछले बार के मुकाबले विश्वविद्यालय को 1.19 प्वाइंट कम मिले है।
कुलपति बोले-अपील में जाएंगे
विक्रम विश्वविद्यालय की ग्रेड ए से बी प्लस-प्लस हो जाने पर कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय ने विश्वविद्यालय प्रशासन का पक्ष रखा है। कुलपति ने कहा कि पिछली बार के मुकाबले इस बार नैक का मूल्याकंन का तरीका बदला है। इस बार 70 प्रतिशत तक मूल्याकंन ऑनलाईन पद्धति से ही किया गया। दल के भौतिक निरीक्षण का इसमें केवल 30 प्रतिशत योगदान था। कुलपति ने कहा कि कुछ प्वाइंट्स ऐसे है जहां कमियां रह गई है, मंगलवार को मिली ग्रेड को सुधरवाने के लिए विश्वविद्यालय अपील में जाएगा।