
पुलिस को मोबाइल से मिला सुराग, प्रेमी भी धराए
उज्जैन, अग्निपथ। लोति स्कूल से भागी चारों नाबालिग छात्राओं को नीलगंगा पुलिस ने 24 घंटे में ढूंढ निकाला है। वह एक माह पहले इंस्टाग्राम पर बने बायफ्रेंड से मिलने के लिए भागी थी। पुलिस ने छात्राओं को उनके सोशल मीडिया अकाउंट की मदद से पता कर झांसी व दिल्ली जाते हुए बरामद किया है।
अंवतिपुरा, साईं धाम कॉलोनी, बालाजी परिसर व इंदौरगेट की 14-15 वर्षीय चार किशोरियों लोकमान्य तिलक स्कूल में 8 वीं की छात्राएं है। चारों बुधवार को परीक्षा देने की जगह स्कूल परिसर से लापता हो गई थी। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज कर जांच की तो चौकाने वाली जानकारी मिली थीं।
पता चला था तीन छात्राएं इंस्टाग्राम पर एक माह से युवकों से चेटिंग कर रही थी। इस पर पुलिस ने एक छात्रा के उज्जैन निवासी दोस्त प्रिंस प्रजापति को पकड़ा। उसने कबूला कि दो छात्राओं की दोस्ती दिल्ली के ऋषभ व बीना के अभिषेक से थी। वह उनसे मिलने के लिए ट्रेन से भागी हैं। इस पर पुलिस ने 24 घंटे में दो छात्राओं को अकोदिया से बरामद किया और दो को निवाड़ी पुलिस ने ट्रेन से उतार लिया। शाम को पुलिस दो छात्राओं को लेकर थाने पहुंची और उनसे पूछताछ की।
मोबाइल डेटा डिलीट कर भागी
खोजबीन के दौरान पुलिस को पता चला तीन छात्राएं शराब व सिगरेट पीती हैं। स्कूल से लगातार बंक मारती हैं। और पूर्व में भाग चुकी हैं। इंस्टाग्राम पर भी बॉयफ्रेंड से चैटिंग करती है। उन्होंने भागने की योजना बनाई और सहेली को भी तैयार कर लिया। भागने से पहले घर पर छोड़े अपने मोबाइल का डेटा डिलीट कर भागी । हालांकि पुलिस डेटा रिकवर कर उन तक पहुंच गई।
सोशल मीडिया की लत ने बिगाड़ा
सीएसपी विनोद मीणा ने बताया एक साथ चार छात्राओं के गायब होने को गंभीरता से लेकर खोजबीन की । पता चला चारों इंस्टग्राम और फेसबुक पर एक्टिव रहकर अनजान लड़कों से बात करती थी। यह भी मालूम हुआ कि दो छात्राएं इंस्टाग्राम फ्रेंड से मिलने बीना गई है। उक्त युवकों को पकड़ा उन्होंने कबूला कि छात्राएं आई थी, लेकिन वापस निकल गई। बाद में दो को अकोदिया और दो छात्राओं के झांसी के पास निवाड़ी से बरामद कर लिया।
सात दिन में तीसरी घटना, जिम्मेदार कौन
सोशल मीडिया के कारण सात दिन में यह तीसरी घटना है। 12 अक्टूबर को कंचनपुरा निवासी नीतेश मोबाइल पर पब्जी व रमी की लत के चलते अपहरण की साजिश रची थी। 18 अक्टूबर को रामनगर निवासी 7 वीं की दो छात्राएं सोशल मीडिया पर दोस्ती के बाद घर से भाग गई थी और अब यह घटना। इसे देखते हुए सवाल खड़े हो रहे है कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है।
ऐसे रहें अलर्ट
- संभव हो तो नाबालिग बच्चों को कीपेड मोबाइल फोन दें।
- संभव हो तो बच्चों को सोशल मीडिया से दूर रखें।
- सोशल मीडिया पर एक्टिव बच्चों के माता-पिता उन्हें सही सीख दें।
- सोशल मीडिया के साइड इफेक्ट और सतर्क रहने के तरीके बताएं।
- परिजन सोशल मीडिया पर एक्टिव बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट पर ध्यान रखें।