पुन: दर्शन के लिये जबरिया प्रवेश का प्रयास, कार्तिकेय मंडपम से एक झलक दिखाकर निकाल रहे थे बाहर
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में इन दिनों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ का जमावड़ा बना हुआ है। इतना ही नहीं महाकाल लोक के आकर्षण के चलते चारधाम वाले रास्ते पर भी जाम की स्थिति बन रही है। गुजरात और महाराष्ट्र से आये श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के साथ ही महाकाल लोक का दीदार कर अपने गंतव्य को निकल रहे हैं।
लेकिन गर्भगृह में 1500 रुपये विशेष दर्शन टिकटधारी श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण सामान्य श्रद्धालुओं को कार्तिकेय मंडपम और गणपति मंडपम से दर्शन नहीं हो पा रहे हैं। मंदिर प्रबंध समिति सीधे कार्तिकेय मंडपम से दर्शन करवा कर श्रद्धालुओं को बाहर का रास्ता दिखा रही है। ऐसे में शुक्रवार की दोपहर कार्तिकेय मंडपम से बाहर निकली भीड़ ने बेरिकेड्स धकेल कर मंदिर परिसर में प्रवेश का प्रयास किया। इस आपाधापी में एक महिला बेरिकेड्स के बीच घायल हो गई।
महाकालेश्वर मंदिर में सामान्य श्रद्धालुओं को तो नि:शुल्क दर्शन करवाये जा रहे हैं। लेकिन उनको भीड़ के चलते सीधे कार्तिकेय मंडपम से दर्शन करवा कर बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। ऐसे में केवल एक झलक भी श्रद्धालुओं को महाकाल शिवलिंग की नहीं दिख पा रही है। क्योंकि बीच में 1500 रुपये विशेष दर्शन टिकटधारी श्रद्धालु दर्शन में रोड़ा बन रहे हैं। गर्भगृह में यह रेलमपेल सुबह 6 बजे से लेकर दोपहर 1 बजे तक चल रही है। वहीं रात्रि 6 से 8 में भी विशेष दर्शन टिकट लेकर श्रद्धालु गर्भगृह में पहुंच रहे हैं। ऐसे में गणपति मंडपम और कार्तिकेय मंडपम से दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल शिवलिंग के दर्शन नहीं हो पा रहे हैं।
गर्भगृह निरीक्षक हटा-हटा कर परेशान
ऐसा नहीं है कि मंदिर के कर्मचारी गणपति और कर्तिकेय मंडपम से दर्शन करने वालों की सुध नहीं ले रहे। गर्भगृह प्रवेश द्वार के एक ओर गर्भगृह निरीक्षक और दूसरी ओर सुरक्षाकर्मी बारी बारी से श्रद्धालुओं को प्रवेश करवा कर बाहर निकाल रहे हैं। लेकिन गर्भगृह का द्वार छोटा होने के कारण प्रवेश और निर्गम करते समय शिवलिंग के सामने श्रद्धालु आ ही जाता है। ऐसे में गणपति और कार्तिकेय मंडपम से दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को भगवान का शिवलिंग नहीं दिख पाता है।
1500 से प्रतिदिन 10 लाख
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने विशेष दर्शन टिकट को अपनी कमाई का जरिया बना लिया है। भीड़ हो अथवा न हो गर्भगृह से 1500 रुपये दो और दर्शन करो की तर्ज पर काम चल रहा है। बाहर से दर्शन करने वालों की सुध नहीं ली जा रही है। पैसे दो और दर्शन पाओ की इस नीति के कारण बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को भगवान महाकाल के सही तरह से दर्शन नहीं हो पा रहे हैं। शुक्रवार को ही सुबह की शिफ्ट में करीब 7 लाख रुपये की विशेष दर्शन टिकट से आय हुई। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों शिफ्टों में तकरीबन 10 लाख रुपये की आय प्रतिदिन मंदिर प्रबंध समिति को हो रही है। वहीं 250 रुपये की टिकट से भी करीब 2 से 3 लाख रुपये मंदिर समिति को प्राप्त हो रहे हैं।
म्यूजियम के पास भीड़ का जमावड़ा
लगता है कि मंदिर में जमा भीड़ की खैरखबर कंट्रोल रूम तो ठीक सुरक्षाकर्मियों को भी नहीं है। तभी तो शुक्रवार की दोपहर में म्यूजियम के पास भारी भीड़ का जमावड़ा बना हुआ था। यहां पर लड्डू काउंटर और स्थापित किये जाने से भीड़ बनी हुई थी। जोकि तपती धूप में छांव में बैठी हुई थी। इनको बाहर निकालने के लिये न तो अधिकारी सजग नजर आये और ना ही सुरक्षाकर्मी।
दर्शन नहीं हो पाने पर भीड़ ने आपा खोया
शुक्रवार की दोपहर भीड़ बढऩे पर मंदिर प्रबंध समिति ने श्रद्धालुओं को गणपति मंडपम से दर्शन न करवाते हुए सीधे उपर बने कार्तिकेय मंडपम से दर्शन करवा कर श्रद्धालुओं को बाहर निकालना शुरू किया। भीड़ को 1500 रुपये विशेष दर्शन टिकटधारियों के कारण जब महाकाल के दर्शन नहीं हुए तो भीड़ ने वहां पर मंदिर परिसर में प्रवेश की रोक के लिये लगे बेरिकेड्स को धक्का देकर मंदिर परिसर में प्रवेश करने का प्रयास किया। दोनों ओर से जमकर रस्साकशी हुई। लेकिन भीड़ का दबाव अधिक होने के कारण कई श्रद्धालु दौड़ लगाते हुए मंदिर परिसर में प्रवेश कर गये। इसी बीच एक महिला बेरिकेड्स की धक्का मुक्की में गिरकर घायल हो गई।