गोलीकांड का सच बताएगा घायल का दोस्त

सात दिनों से थी तलाश, थाने पर पूछताछ

उज्जैन, अग्निपथ। पांड्याखेड़ी ब्रिज के नीचे हुए गोलीकांड पर पुलिस को संदेह बना हुआ था। सात दिनों से घायल के दोस्त और शिकायत दर्ज कराने वाले की तलाश थी। जिसे शुक्रवार को पुलिस ने पूछताछ के लिये अपनी कस्टडी में लिया है।

20 अक्टूबर की दोपहर पांड्याखेड़ी ब्रिज के नीचे गोली लगने से निलेश उर्फ नीरू संगत निवासी वाल्मीकि नगर घायल हो गया था। दोस्त राहुल जिला अस्पताल लेकर पहुंचा था। उसने ही पुलिस को बताया था कि गोली शुभम, सन्नी और उसके साथियों ने चलाई है। पुलिस ने राहुल की शिकायत पर जानलेवा हमले का प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया। इस दौरान गोलीकांड संदेहास्पद होना सामने आया। घायल निलेश उर्फ नीरू प्राणघातक हमले में फरार था, जिसकी तलाश माधवनगर पुलिस को थी। जिसके चलते षडय़ंत्रपूर्वक गोलीकांड को अंजाम दिया जाना प्रतीत हुआ।

पुलिस ने घायल के दोस्त राहुल से मामले का सच पूछने के लिये उसकी तलाश शुरु की तो वह गायब होना सामने आया। सात दिनों से उसकी तलाश की जा रही थी। शुक्रवार को पंवासा पुलिस ने उसे अपनी कस्टडी में पूछताछ के लिये लिया है। जिसके बाद मामले का खुलासा किया जाएगा।

सूअर पकडऩे का विवाद

विदित हो कि वाल्मिकी नगर के रहने वाले नीरू संगत का सूअर पकडऩे की बात पर पंचमपुरा में रहने वाले बौरासी परिवार से विवाद चला आ रहा है। नीरू ने अपने साथियों के साथ मिलकर 18 अक्टूबर की रात पंचमपुरा में रहने वाले मंयक बौरासी पर जानलेवा हमला किया था। मामले में माधवनगर पुलिस ने नीरू सहित 6 लोगों की तलाश थी। पुलिस को आशंका है कि मामले को क्रास बनाने के लिये गोलीकांड का षडय़ंत्र रचा गया है।

मामले में संदेह नजर आ रहा था। जिन पर गोली चलाने का आरोप लगाया था, उनकी लोकेशन इंदौर के अस्पताल में होना सामने आई थी। सच पता लगाने के लिये घायल के दोस्त की तलाश थी। जिसे पूछताछ की जा रही है।

– गजेन्द्र पचोरिया, थाना प्रभारी पंवासा

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