रिश्वतखोर इंजीनियर को 7 वर्ष का कारावास

धार, अग्निपथ। न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश जिला धार द्वारा निर्णय पारित करते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम-1988 सहित अन्य धाराओं में आरोपी इंजीनियर अरूण त्रिपाठी पिता अयोध्या प्रसाद त्रिपाठी माही परियोजना लाबरिया तहसील सरदारपुर को धारा 7 वर्ष का साधारण कारावास की सजा से दंडित किया है। साथ ही 2 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है।

जिला अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी अर्चना डांगी ने बताया फरियादी शासकीय ठेकेदार धर्मेंद्र शर्मा की सेल साइट इंजीनियरिंग वक्र्स प्राइवेट लिमिटेड इंदौर के नाम से कंस्ट्रेक्शन कंपनी है। फरियादी धर्मेंद्र ने फरवरी-2016 में माही डेम परियोजना के अंतर्गत फुल्कीपाड़ा ब्रिज के निर्माण का कार्य निविदा के आधार पर लिया था।

70 प्रतिशत कार्य पूर्ण होने पर जल संसाधन विभाग झाबुआ से 1 करोड़ 27 लाख रुपए का भुगतान होने के बाद 30 जून 2017 को करीब 2.30 बजे निर्माण कार्य स्थल पर प्रभारी एसडीओ व इंजीनियर अरूण त्रिपाठी उनसे मिला और शेष 30 लाख रुपए के भुगतान के बदले 90 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी।

इसके बाद उनसे कई बार त्रिपाठी द्वारा फुल्कीपाड़ा ब्रिज निर्माण स्थल पर आकर कार्य में त्रुटि निकालते हुए उनसे उनके इंजीनियर नवनीत पांडे को निर्माण साम्रगी व कार्य के संबंध में नोटिस जारी करने की धमकी देते रहे। इस बात पर फरियादी शर्मा ने लोकायुक्त एसपी इंदौर को 12 जुलाई 2017 को शिकायत की।

50 हजार की रिश्वत लेते पकड़ा था

आवेदन की जांच के बाद 13 जुलाई 2017 को लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी त्रिपाठी को फरियादी से 50 हजार रुपए रिश्वत लेते हुऐ रंगे हाथों आरोपी को सरकारी निवास माही परियोजना कॉलोनी बरमंडल रोड लाबरिया में पकड़ा था। कोर्ट में आए मामले में अभियोजन ने मामले को प्रमाणित करने के लिए कुल 12 गवाह न्यायालय में पेश किए। इसके बाद न्यायालय ने सजा से दंडित किया है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी उप संचालक अभियोजन टीसी बिल्लौरे ने की।

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