उज्जैन, अग्निपथ। बैंक से घर लौट रहे शिक्षक की बीती शाम सडक़ दुर्घटना में मौत हो गई। दस्तावेजों से हुई पहचान के बाद गुरुवार को पुलिस ने पोस्टमार्टम कराया है।
भाटपचलाना में रहने वाले शंभूलाल पिता मोहनलाल पंवार (40) ग्राम लि बास में शासकीय शिक्षक थे। बुधवार शाम वह खरीददारी करने उन्हेल आए थे। जहां से देर शाम लौटते समय लेकोडा आंजना स्थित पेट्रोल प प के तेज र तार कार ने पीछे से टक्कर मार दी। दुर्घटना में शंभुलाल गंभीर घायल हो गये। लोगों की मदद से जिला अस्पताल लाया गया, लेकिन रास्ते में मौत हो चुकी थी।
पुलिस ने घटनास्थल से मिले दस्तावेज और मोबाइल के आधार पर शिना त कर परिजनों को सूचना दी। रात में ही परिवार के सदस्य जिला अस्पताल पहुंच गये थे। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया है। उन्हेल पुलिस के अनुसार कार चालक दुर्घटना के बाद कार लेकर मौके से भाग निकला था। जिसकी तलाश की जा रही है।
दादा कमरे में पहुंचे तो फंदे पर लटका था पोता
उज्जैन, अग्निपथ। परिवार के गमी में जाने के बाद युवक ने फंदा गले में डालकर फांसी लगा ली। रात को दादा कमरे में पहुंचे तो पोते का लटका देखा। पुलिस ने मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम कराया है।
मक्सीरोड पंवासा में रहने वाले चेतन पिता मुकेश दाहिमा (21) बुधवार रात रस्सी का फंदा गले में डालकर पंखे से फांसी लगा ली। रात 11 बजे चेतन के दादा सिद्धूलाल उसे देखने कमरे में पहुंचे तो पंखे से लटका पाया। आसपास के लोगों को बुलाकर फंदे से उतारा और पुलिस को सूचना दी। पंवासा पुलिस देर रात शव जिला अस्पताल लेकर पहुंची। मामले में मर्ग कायम करने के बाद गुरुवार सुबह पोस्टमार्टम कराया गया। परिजनों ने बताया कि घर पर चेतन और उसके दादा ही थे।
परिवार के लोग चेतन के जीजा की कुएं में डूबने से हुई मौत पर ग्राम बकानिया गये हुए थे। गुरुवार को तीसरे का कार्यक्रम था। चेतन जीजा की मौत के बाद से गुमशुम हो गया था। सं ावत: डिप्रेशन में उसने आत्महत्या की है। मामले में टीआई गजेन्द्र पचौरिया का कहना था कि परिजनों के बयान दर्ज कर मामले की जांच शुरु की जाएगी।
मृतक की नहीं हुई शिनाख्त
बुधवार रात पंवासा पुलिस ने शंकरपुर के पास कोल्ड स्टोर के पास एक मकान से दुर्गंध आने की सूचना पर दरवाजा तोडक़र एक युवक का फंदे पर लटका शव बरामद किया था। लाश तीन से चार दिन पुरानी लग रही थी। टीआई गजेन्द्र पचौरिया के अनुसार मृतक किराये से रहता था। जिसकी गुरुवार शाम तक शिनाख्त नहीं हो पाई थी। मकान मालिक भी उसके संबंध में कुछ ज्यादा नहीं जानता है। पहचान नहीं होने पर अंतिम संस्कार कराया जाएगा।