कोर्ट ने कहा घटना से समाज पर बुरा असर पड़ा है
उज्जैन,अग्निपथ। झिंझरकांड (जहरीली शराब की पोटली) में केमिकल फैक्ट्री संचालक ने जमानत के लिए आवेदन दिया था। कोर्ट ने अपराध से समाज पर पड़े प्रभाव का जिक्र करते हुए शनिवार को आवेदन निरस्त कर दिया।
झिंझरकांड में 14-15 अक्टूबर को एक दर्जन से अधिक मजदूरों मौत हो गई थी। खाराकुआं पुलिस ने प्रकरण में इंपीरियल केमिकल इण्डस्ट्रीज के मालिक ऐजाज हुसैन पिता अली हुसैन को भी जेल भेजा है। एजाज ने जमानत के लिए आवेदन दिया था। शनिवार को पंचम अपर सत्र न्यायाधीश जितेन्द्र सिंह कुशवाह ने सुनवाई के बाद कहा घटना में कई लोगों की जान गई है। इससे समाज में बुरा असर पड़ा है, इसलिए जमानत निरस्त की जाती है। याद रहे प्रकरण में कोर्ट हुसैन के भागीदार संजय शर्मा का जमानत आवेदन पहले ही निरस्त कर चुकी है। प्रकरण में शासन का पक्ष उपसंचालक अभियोजन डॉ. साकेत व्यास व लोक अभियोजक प्रमोद चौबे ने रखा।
आरक्षक गिरफ्त से दूर
झिंझर कांड में चार निगमकर्मी व तीन आरक्षक व एक महिला सहित 17 पर केस दर्ज किया है। 16 को जेल भेजा जा चुका है। एक आरोपी आरक्षक सुदेश खोड़े पर एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला ने 10 हजार रुपए का इनाम घोषित कर रखा है बावजूद उसका अब तक उसका सुराग नहीं लग सका है।
केस डायरी में त्रुटि या आकड़ों का सच
सर्वविदित है झिंझरकांड में दो दिन में 14 मौत हुई थी। 17 अक्टूंूबर को भी एक वृद्ध की जान गई थी। बावजूद पुलिस प्रशासन ने 12 मौतों का दावा किया था। अब केस डायरी में 18 मौत का जिक्र होने से सवाल खड़े हो गए हैं कि क्या प्रशासन ने आकड़े छुपाए थे या केस डायरी में कोई त्रुटि हुई है।