भैरवगढ़ और कार्तिक मेले की समितियों से इस्तीफा दिया
उज्जैन, अग्निपथ। वार्ड क्रमांक 2 के भाजपा पार्षद हेमंत (भुरू) गेहलोत अपनो से रूठ गए है। गेहलोत ने कार्तिक मेले की सभी समितियों और भैरवगढ़ मेले के संयोजक पद से इस्तीफा दे दिया है। भैरवगढ़ मेले के संयोजक होने के बावजूद हेमंत गेहलोत रविवार शाम सिद्धवट पर नगर निगम द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। पार्षद की नाराजगी की वजह भी अजीब है, सिद्धवट मेले के लिए वे पिपलीनाका पर अपने किसी परिचित का टेंट लगवाना चाहते थे लेकिन निगम अधिकारियों ने यह काम भैरवगढ़ के ही टेंट वाले से करवा लिया।
शनिवार को वार्ड क्रमांक 2 के पार्षद हेमंत गेहलोत ने नगर निगम अध्यक्ष कलावती यादव को एक पत्र भेजा है। इस पत्र में पार्षद गेहलोत ने नगर निगम द्वारा आयोजित कार्तिक मेले में सह संयोजक और सिद्धवट मेले की आयोजन समिति में संयोजक पद से इस्तीफे की पेशकश की है। इस पत्र में गेहलोत ने लिखा है कि मेले के महत्वपूर्ण आयोजन में निगम के जिम्मेदार अधिकारियों के घोर गैर जिम्मेदाराना व्यवहार, अकर्मण्यता, लापरवाही के कारण मैं व्यथित होकर दोनों मेले की समितियों से अपना त्यागपत्र देता हूं। मेरे साथ सुनील जैन(जोन प्रभारी) द्वारा बदतमीजी की गई है। कृपया मेरा इस्तीफा तत्काल स्वीकार करे। सोमवार को भाजपा पार्षद का यह इस्तीफा नगर निगम से जुड़े सभी सोशल मीडिया ग्रुप में जमकर वायरल हुआ। लोगों ने अपने अपने हिसाब से इस पर कयास लगाए।
मेले से एक दिन पहले बदला संरक्षक
नगर निगम द्वारा कार्तिक मास की चतुर्दशी पर हर साल सिद्धवट पर मेले का आयोजन किया जाता है। सिद्धवट मेले के लिए नगर निगम अध्यक्ष कलावती यादव ने वार्ड क्रमांक 3 के भाजपा पार्षद पंकज चौधरी को संरक्षक और वार्ड क्रमांक 2 के भाजपा पार्षद हेमंत गेहलोत को मेले का संयोजक बनाया था। सिद्धवट मेले की अमूमन परंपरा रही है कि जो भी क्षेत्रीय पार्षद रहता है, उसे ही संरक्षक का दायित्व सौंपा जाता है। भैरवगढ़ वार्ड क्रमांक 1 की कांग्रेस से जुड़ी पार्षद निकिता परमानंद मालवीय ने खुद को संरक्षक नहीं बनाए जाने पर नगर निगम अध्यक्ष के सामने आपत्ति जताई। मेले से ठीक एक दिन पहले निगम अध्यक्ष ने पंकज चौधरी को हटाकर क्षेत्रीय पार्षद निकिता मालवीय को संरक्षक बना दिया। हेमंत गेहलोत को यथावत संयोजक रखा गया।
चार महीने में 3 बार सुर्खियों में
नगर निगम बोर्ड के अस्तित्व में आने के महज 4 महीने की अवधि में पार्षद हेमंत गेहलोत अब तक 3 बार सुर्खियों में आ चुके है। बोर्ड के अस्तित्व में आने के तत्काल बाद उनके परिवार की एक महिला सदस्य का वीडियों सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, इसमें वे वोट देने के एवज में एक मतदाता को हाथ में रूपए पकड़ाते हुए दिखाई दे रही है। इसके कुछ ही दिन बाद क्षेत्र के दो युवकों से हेमंत गेहलोत का विवाद हुआ तो वे जीवाजीगंज थाने पहुंच गए। यहां पुलिसवालों ने भाव नहीं दिए तो गेहलोत ने हेड मोहर्रिर के कक्ष में ही धरना दे दिया था। अब तीसरे घटनाक्रम के रूप में उनका मेला समितियों से इस्तीफे से जुड़ा है।
सम्मान को ठेस पहुंची तो पार्षद पद भी छोड़ दूंगा
भाजपा पार्षद हेमंत गेहलोत ने अपने उपर लगे आरोपों और समितियों से इस्तीफे के सबंध में कहा कि यदि मेरे सम्मान को कहीं ठेस पहुंचेगी तो मैं पार्षद पद भी छोड़ दूंगा। गेहलोत ने कहा कि मैं रूपयों के लिए राजनीति में नहीं आया हूं। निकिता मालवीय और उनके पति परमानंद मालवीय राजनैतिक द्वेष से मुझ पर अर्नगल आरोप लगा रहे हैं। गेहलोत ने कहा कि जोन प्रभारी सुनील जैन का बातचीत का रवैया ठीक नहीं था। उन्होंने मेरे साथ अभद्रता से बात की। जोन प्रभारी की कार्यशैली के खिलाफ ही मैंने निगम अध्यक्ष को इस्तीफे का पत्र भेजा था लेकिन यह उन्होंने स्वीकार नहीं किया।
विवाद के पीछे की असली वजह..!
- नगर निगम द्वारा हमेशा स्थानीय पार्षद को ही सिद्धवट मेले के संरक्षक का दायित्व सौंपा जाता है, भले ही वह किसी भी दल से जुड़ा हो। स्थानीय पार्षद ही मेले की ज्यादातर व्यवस्थाएं करते है।
हेमंत गेहलोत वार्ड क्रमांक 2 के पार्षद है, वे सिद्धवट मेले के संयोजक बनाए गए थे। इस नाते यहां की व्यवस्था में वे भी सहभागी थे। - सिद्धवट मेले का बजट 50 हजार रुपए तय था, शुरूआत में इसे दोगुना यानि करीब 1 लाख रुपए कराने के लिए प्रयास करते रहे।
- बजट नहीं बढ़ सका, तो पार्षद हेमंत गेहलोत ने जोनल अधिकारी से बात की और मेले के लिए लगने वाले टेंट की व्यवस्था अपने किसी परिचित के माध्यम से कराना चाहा। वे अपने गृह क्षेत्र पिपलीनाका के किसी टेंट वाले को काम दिलवाना चाहते थ।
- सिद्धवट में अमूमन मेले की सारी व्यवस्था भी स्थानीय भैरवगढ़ के रहवासी ही कर देते है। यहीं के टेंट, माइक, लाइट वाले यह काम करते है। इस बार भी ऐसा ही हुआ। इसी वजह से हो सकता है कि पार्षद हेमंत गेहलोत नाराज हो गए हो।
- वे सिद्धवट मेले के संयोजक थे, रविवार शाम को मेले का आयोजन हुआ। उच्चशिक्षा मंत्री मोहन यादव, विधायक पारस जैन, महापौर मुकेश टटवाल सहित अन्य सभी लोग इस आयोजन में शामिल हुए लेकिन संयोजक होने के बावजूद हेमंत गेहलोत आयोजन में शामिल नहीं हुए।
(जैसा सिद्धवट मेला संरक्षक पार्षद निकिता परमानंद मालवीय ने अग्निपथ को बताया)
पार्षद हेमंत गेहलोत ने किस वजह से इस्तीफा दिया, इसकी मुझे जानकारी नहीं है। दूसरे इतने सारे काम है कि इस विषय पर तो ध्यान ही नहीं गया।
– कलावती यादव, नगर निगम अध्यक्ष
सभी पार्षद हमारे लिए सम्मानीय है। मेरा तो किसी भी पार्षद के साथ कभी विवाद ही नहीं हुआ। उन्होंने मेरा नाम पत्र में क्यों लिखा मैं खुद नहीं जानता।
– सुनील जैन, जोन क्रमांक 1 प्रभारी