सपाक्स संगठन ने नवीन पदोन्नति नियम के खिलाफ किया जमकर प्रदर्शन

प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए फैसले के खिलाफ सामान्य, अल्पसंख्यक व पिछड़ा वर्ग ने जताया आक्रोश

उज्जैन, अग्निपथ। सामान्य ,अल्पसंख्यक एवम पिछड़ा अधिकारी कर्मचारी संगठन एवम सामान्य, अल्पसंख्यक एवम पिछड़ा वर्ग कल्याण समाज संगठन ने संयुक्त रूप से जिला अध्यक्ष अरविन्द सिंह चन्देल के नेतृत्व में मध्यप्रदेश सरकार के प्रस्तावित नवीन पदोन्नति नियम 2022 के खिलाफ भारी नारेबाजी के साथ जंगी प्रदर्शन करते हुए सरकार को आगाह किया कि यदि इस दोषपूर्ण नवीन पदोन्नति नियम को जबरन थोपने की कोशिश की गयी तो पूरे प्रदेश का सामान्य ,अल्पसंख्यक एवम पिछड़ा वर्ग शासकीय कर्मी संगठन एवम समाज संगठन इसके खिलाफ प्रदेश भर में आंदोलन चलाएगा।

सामान्य पिछड़ा वर्ग शासकीय कर्मी संगठन के जिला अध्यक्ष अरविन्द सिंह चन्देल और सामान्य, पिछड़ा वर्ग समाज के शहर अध्यक्ष निर्दोष पाठक ने बताया कि आज उज्जैन जिला कलेक्टर के माध्यम से माननीय राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा गया है। जिसमें बताया गया है कि मध्यप्रदेश में प्रभावशील ‘‘लोक सेवा पदोन्नति नियम 2002 ‘‘ को माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा एक याचिका की सुनवाई के दौरान उनके निर्णय दिनांक 30-4-2016 के द्वारा अपास्त कर दिया गया था। इस गलत नियम के तहत 2002 से सन 2016 के बीच पदोन्नत हुए अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के शासकीय कर्मियों को पदावनत करने का आदेश दिया था।

उच्च न्यायालय के इस निर्णय के विरुद्ध मध्यप्रदेश सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की थी किन्तु सर्वोच्च न्यायालय ने उच्च न्यायालय के आदेश को समाप्त नहीं किया अपितु दिनांक 30-5-2016 के द्वारा यथास्थिति का अंतरिम आदेश दिया। जिसका मतलब यह था कि गलत ढंग से पदोन्नत हुए अजा ,अजजा के अधिकारियों की अब पदोन्नति नहीं की जावे। प्रदेश की भाजपा सरकार ने अजा , अजजा के शासकीय कर्मियों की पदोन्नति रोकने के साथ ही सामान्य ,अल्पसंख्यक एवम पिछड़ा वर्ग के अधिकारियों की होने वाली जायज पदोन्नति भी रोक दी जिससे इस वर्ग के कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है।

सर्वोच्च न्यायालय से इस प्रकरण का अंतिम निराकरण नही हुआ है और इसके पूर्व ही मध्यप्रदेश की सरकार ने एक बार फिर दुर्भावनावश नवीन पदोन्नति नियम 2022 बनाये हैं जिसमें सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समय समय पर पदोन्नति में आरक्षण के संबंध में दिए गये निर्णयों की पूर्ण उपेक्षा की है।

सरकार द्वारा इन नये दोषपूर्ण पदोन्नति नियमों को प्रदेश में लागू करने की कोशिश की जा रही है जिससे सम्पूर्ण प्रदेश के सामान्य, पिछड़ा वर्ग के शासकीय कर्मियों में भारी रोष है तथा वह पूरे प्रदेश में इन नियमों का विरोध कर रहे हैं। आज उज्जैन में भी इन दोषपूर्ण नियमों के खिलाफ ज्ञापन दिया गया है।

आज ज्ञापन देने वालों में प्रमुख रूप से सपीक्स शासकीय कर्मी संगठन के जिला अध्यक्ष अरविन्द सिंह चन्देल , जिला नोडल अधिकारी एस एन वर्मा ,सपीक्स समाज के शहर अध्यक्ष निर्भय निर्दोष ,सपीक्स शासकीय कर्मी अशोक दुबे सचिव संजय चैरसिया ,राजेन्द्र शुक्ला, अमितोज भार्गव, बी एम एस परिहार, मुकेश त्रिवेदी, लोकेन्द्र शास्त्री, मुकेश त्रिवेदी, संजय अन्वेकर, एस के रावत, पीयूष शर्मा, कमलेश राठौर, डा0 जी जी गोस्वामीं, मनोज अग्रवाल पशु चिकित्सा अधिकारी, अनिल कुमार शर्मा, नितिन सिंह गौतम, अजय प्रताप सिंह कुशवाहा, सुरेश भारद्वाज, व्हाय एम श्रीवास्तव, प्रमोद गुप्ता, पुरुषोत्तम विष्णु, संजय अष्ठाना, अनिल जोशी, संजय रावत, संजीव आचार्य, विनीत गार्मद, दीपक अम्बेकर, प्रदीप शर्मा, रवि जोशी, रनीश शर्मा, वी के चतुरेश, रविन्द्र सिंह तोमर, आई यू एस तोमर, संगीता शर्मा, नीतू गहलोत, तपेश त्यागी, अनिल मंडलोई, आशीष गंगराड़े, निधि गुप्ता शर्मा और रीना गुप्ता माथुर आदि के साथ सैकड़ों सदस्य उपस्थित रहे । उक्त जानकारी स्पीक संस्था के मीडिया प्रभारी चन्द्रेश पुरोहित द्वारा दी गई ।

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