महाकाल मंदिर गर्भगृह में फोटो पर भी पाबंदी
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन में महाकाल का दरबार सबके लिए खुला होगा। यहां 1500 रुपए देकर गर्भगृह में एंट्री कराने वाला कोटा खत्म करने की तैयारी है। इसके बाद अनलिमिटेड लोग टिकट लेकर गर्भगृह में जाकर दर्शन कर सकेंगे। हालांकि इस पर दो-तीन दिन में फाइनल डिसीजन लिया जाएगा। इसके अलावा, गर्भगृह में फोटोग्राफी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया है।
उधर, महाकाल की भस्म आरती के समय शिवलिंग पर टू-लेयर कपड़ा लपेटा जाएगा। इससे पहले सिंगल लेयर कपड़ा लगाकर भस्म चढ़ाई जाती थी। बता दें कि महाकाल का आंगन साढ़े 800 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से सज रहा है। यहां बने अद्भुत महाकाल लोक को निहारने प्रतिदिन डेढ़ से दो लाख लोग पहुंच रहे हैं। इतनी सुविधाओं के बीच यहां हंगामे की स्थिति रोज बन रही है।
दरअसल, महाकाल मंदिर में रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। भीड़ होने से समिति ने गर्भगृह में सिर्फ 1500 रुपए की रसीद लेकर दर्शन को आने वाले और प्रोटोकॉल से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अनुमति दी हुई है। ये सभी श्रद्धालु बड़े गणपति मंदिर के पास बने प्रोटोकॉल कार्यालय से रसीद लेकर मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश करते हैं। 11 अक्टूबर के बाद से भीड़ के बढऩे की वजह से रोजाना प्रोटोकॉल कार्यालय पर विवाद की स्थिति बन रही है। शुक्रवार को भी 1500 की टिकट के लिए लाइन में लगे श्रद्धालुओं ने जमकर हंगामा किया था।
इसके बाद शनिवार को कलेक्टर आशीष सिंह ने प्रशासक संदीप सोनी और प्रबंध समिति के सदस्यों के साथ बैठक रखी। कलेक्टर ने बताया कि 1500 वाली व्यवस्था में ज्यादा भीड़ होने से पीछे वाले दर्शनार्थियों के दर्शन नहीं हो पाते थे। इसलिए रोजाना टिकट की तय संख्या में 580 दिए ही जा रहे थे।
इनमें करीब 300 टिकट पंडे अपने यजमान के लिए रखते थे। महज 280 टिकट ही सामान्य लोगों के लिए बचते थे। साथ ही, 1500 रुपए लेकर गर्भगृह में जाने वाले लोग फोटोग्राफी करने लगते थे। इससे अधिक समय लगता था। अब ऐसा नहीं होगा। इसे देखते हुए गर्भगृह में फोटोग्राफी को पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया है। सफलता मिलते ही जल्द ही 1500 की टिकट को अनलिमिटेड करने का भी विचार है। बैठक में तय किया गया कि 1500 की टिकट वाले श्रद्धालुओं को दर्शन होते ही बाहर निकाला जाएगा, ताकि पीछे आने वाले श्रद्धालुओं को समय मिल सके।
गर्भगृह में दर्शन व्यवस्था
महाकाल मंदिर समिति ने मंगलवार से शुक्रवार तक आम भक्तों के लिए भीड़ कम होने की स्थिति में गर्भगृह से दर्शन व्यवस्था को नि:शुल्क रखा है, लेकिन बीते एक माह से भीड़ का दबाव रोजाना बढ़ रहा है, जिसके चलते निशुल्क दर्शन नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं के गर्भगृह में दर्शन के लिए मंदिर समिति रोजाना 1500 रुपए में दो श्रद्धालुओं के लिए एक टिकट जारी करती है। जो कि दिन भर में मात्र 580 टिकट का कोटा तय है।
इसमें भी सुबह 6 से दोपहर 1 तक 150 टिकट शाम शाम 6 से रात 8 बजे तक मात्र 50 भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश की व्यवस्था रखी है। बाकी बचे 380 टिकट ये सभी मंदिर में 22 पुरोहित और 16 पुजारी के यजमान के लिए निर्धारित है। ऐसे में रोजाना आने वाले हजारों श्रद्धालु गर्भगृह में दर्शन से वंचित रह जाते हैं।
भस्म आरती के समय टू-लेयर कपड़े से ढंका जाएगा शिवलिंग
उज्जैन में महाकाल की भस्म आरती के समय शिवलिंग को टू-लेयर कपड़े से ढंका जाएगा। साथ ही, कोटि तीर्थ के जल का श्चद्ध वैल्यू तय रखें। ये सुझाव मंदिर समिति को आर्किलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और जिओलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने दिया है। दोनों की टीम ने शुक्रवार को महाकाल मंदिर का सर्वे किया। टीम ने शिवलिंग की गोलाई, ऊंचाई नापने के साथ ही शिवलिंग पर चढ़ाई गई सामग्री और जल का सैंपल भी लिया है। वहीं, मंदिर समिति को शिवलिंग का क्षरण रोकने के लिए सुझाव भी दिए हैं।
श्री महाकालेश्वर मंदिर के शिवलिंग क्षरण के मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर एएसआई व जीएसआई की टीम हर साल यहां जांच करने आती है। इससे पहले 29 सितंबर 2021 को दोनों विभाग के दल के सदस्यों ने जांच की थी।
शुक्रवार को महाकाल मंदिर पहुंची टीम के सदस्यों ने मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल से चर्चा की। इसके बाद टीम के सदस्यों ने महाकाल मंदिर के गर्भगृह में पहुंचकर शिवलिंग की जांच की। साथ ही, शिवलिंग पर चढऩे वाले जल और जलाधारी के जल के सैंपल भी लिए। टीम ने शिवलिंग का निरीक्षण कर फोटो भी लिए हैं।
शिवलिंग की गहराई से जांच
दिर समिति के अध्यक्ष व कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि दल के सदस्यों ने शिवलिंग की उंचाई, गोलाई का नाप लेकर रिकॉर्ड में दर्ज किया। शिवलिंग के छिद्र में लगी दूध, दही व पूजन सामग्री निकालकर रिकॉर्ड के लिए सैंपल भी लिया।