दुष्कर्मियों को चौराहे पर दें फांसी, इनका कोई मानवाधिकार नहीं-उषा ठाकुर

महू, अग्निपथ। शिवराज की तेजतर्रार मंत्री उषा ठाकुर ने दोहराया कि दुष्कर्मियों को चौराहे पर फांसी दी जानी चाहिए। उन्होंने एक कदम आगे बढ़ते हुए ये भी कहा, कि ऐसे नर-पिशाचों का क्या मानवाधिकार, भाड़ में जाए मानवाधिकार आयोग।

अपने बयानों से अक्सर चर्चा में रहने वाली प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने एक बार फिर दुष्कर्मियों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि दुष्कर्मियों को बीच चौराहे पर फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए।

संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर रविवार को महू के कोदरिया गांव में पहुंची थी। यहां उन्होंने मंच से लोगों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि दुष्कर्म तो आरोपी समाज में करता है, लेकिन उसको सजा जेल की चारदीवारी के बीच दी जाती है। ऐसा करने से अन्य अपराधियों में भय नहीं रहता है। ऐसे लोगों को बीच चौराहे पर फांसी देकर लटका रहने दिया जाना चाहिए। ताकि अन्य अपराधियों में भय पैदा हो। मंत्री ने आगे कहा कि दुष्कर्मियों का अंतिम संस्कार भी नहीं करना चाहिए। उनका शव चील-कौवे नोचकर खाएं। इससे अन्य अपराधी ऐसा अपराध करने से डरेंगे।

दुष्कर्मियों को फांसी के लिए चले हस्ताक्षर अभियान

मंत्री उषा ने कहा कि इनके खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया जाना चाहिए। इसमें हर घर से मां और बहनें अपने घर का मोबाइल नंबर और वोटर आईडी इस अभियान में शामिल करें। यह पत्र मुख्यमंत्री को सौंपे। इसमें यह साफ तौर पर लिखा हो कि दुष्कर्मियों को बीच चौराहे पर सजा दी जाए। उन्हें वहीं लटका रहने दिया जाए।

मानव अधिकार की कोई चिंता ना करें

मंत्री ने कहा कि मानव अधिकार आयोग जाए भाड़ में जाए। ऐसे नर पिशाचों का क्या मानवाधिकार। जब तक दुष्कर्मियों को बीच चौराहे पर लटका कर फांसी की सजा नहीं दी जाएगी, समाज में दुष्कर्म करने वाले आरोपियों में कानून के प्रति भय व्याप्त नहीं होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में मानव अधिकार की कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है।

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