विपक्ष के उपनेता ने आर्थिक अपराध शाखा से की शिकायत
उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम में पड़ा कबाड़ बेचे जाने के मामले में प्रतिपक्ष के उपनेता द्वारा आर्थिक अपराध शाखा को शिकायत की गई है। आरोप है कि नगर निगम के पास लगभग 5 करोड़ रूपए कीमत का कबाड़ पड़ा हुआ था, इसे महज 31 लाख रूपए में बेच दिया गया है। नगर निगम में पब्लिक बोर्ड बन चुका था लेकिन अधिकारियों ने टेंडर रेट स्वीकृति पर परवारे ही मुहर लगा दी। इस मामले की जांच हुई तो पूर्व आयुक्त अंशुल गुप्ता की मुसीबतें बढ़ सकती है।
मध्यप्रदेश के सभी नगर निगमों में पड़े कबाड़ की नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा कुछ महीनों पहले सूची तैयार करवाई गई थी। इसी सूची के आधार पर सभी नगर निगमों के कबाड़ को बेचने के लिए एक साथ टेंडर किए गए। उज्जैन नगर निगम का कबाड़ 31 लाख रूपए में बेचा गया था। कांग्रेस के प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र गब्बर कुवाल ने आर्थिक अपराध शाखा के अधीक्षक को हाल ही में एक शिकायती पत्र भेजा है। कुवाल का आरोप है कि अकेले उज्जैन नगर निगम के पास लगभग 5 करोड़ रूपए कीमत का कबाड़ मौजूद था। इसे महज 31 लाख रूपए में बेच दिया गया।
कुवाल ने आरोप लगाया कि टेंडर में संपूर्ण लॉट के नाम से स्वीकृति देने के बजाए आयटम रेट या प्रति किलो, प्रति नग के मान से स्वीकृत किए जाने थे। कबाड़ के टेंडर को नगर निगम आयुक्त के स्तर पर ही स्वीकृत कर दिया गया जबकि यह एमआईसी और निगम परिषद का कार्यक्षेत्र था। कुवाल ने कबाड़ विक्रय मूल्याकंन समिति में शामिल पूर्व आयुक्त अंशुल गुप्ता, अपर आयुक्त आदित्य नागर, सहायक आयुक्त नीता जैन, सहायक वर्ग-3 विजेंद्र आमरे व राहुल के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की मांग की है।